शिक्षा सत्र 2022-23 के दौरान व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश का सिलसिला दिसंबर तक चला। इससे बीटेक कृषि के पहले सेमेस्टर में देर से प्रवेश लेने वाले बच्चों की पढ़ाई पूरी छूट गई हैै। उन्हें अब सीधे सेकंड सेमेस्टर में प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं बीएड प्रथम सेमेस्टर की पढ़ाई 3-3 माह और फार्मेसी की 4 माह की होगी।
सत्र की शुरुआत और परीक्षा की संभावित तिथियां दोनों को मिलाने पर अकादमिक कैलेंडर के अनुसार जो पाठ्यक्रम 6 माह में पूरा होना चाहिए, उसे पूरा करने में 9 से 10 माह लगेंगे। इस तरह वर्तमान शिक्षा सत्र का पिछड़ना तय है।
प्रवेश की प्रक्रिया में काफी देरी होने की वजह से अभी तक बीटेक डेयरी, बीएड और फार्मेसी की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। वहीं नर्सिंग में नए प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए ई-क्लासेस की व्यवस्था की जा रही है।
इस देरी का असर, बच्चों की उच्च शिक्षा और करियर पर पड़ेगा
प्रवेश में 2 से 3 माह का गेप होने से उपजी समस्या
तकनीकी शिक्षा संचालनालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अखिल भारतीय फार्मेसी काउंसिल समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों ने पहले अगस्त और सितंबर में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की। बीच में दो से तीन महीने का अंतराल होने के बाद दिसंबर के आखिरी सप्ताह में पुन: प्रवेश दिया गया। इससे पहले प्रवेश ले चुके बच्चों की पढ़ाई और नवप्रवेशित बच्चों को एक साथ बैठाकर क्लास लेने में दिक्कतें हो रही हैं।
नर्सिंग में ब्लंडेड मोड पर पढ़ाई करने के निर्देश
बीएससी नर्सिंग में भी प्रवेश की प्रक्रिया काफी दिनों तक चली। पाठ्यक्रम में पहले प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों की आधी पढ़ाई हो चुकी है। वहीं नए प्रवेश लेने वाले छात्रों को शुरू से पढ़ना है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नर्सिंग काउंसिल ने शैक्षिक संस्थानों को नए विद्यार्थियों के लिए ई-क्लासेस लगाने यानी ऑनलाइन क्लास लेकर पाठ्यक्रम को पूरा करने को और पुराने विद्यार्थियों के लिए पहले की तरह कक्षा में बैठाकर ऑफलाइन क्लास संचालित करने को कहा है। इससे प्राध्यापकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है।
लेटरल एंट्री अब तक चल रही, परीक्षा में दिक्कतें
पॉलीटेक्निक करके आने वाले और बीएससी गणित की पढ़ाई करके आने वाले विद्यार्थियों को बीई के तीसरे सेमेस्टर में सीधे प्रवेश दिया जाता है। इसे लेटरल एंट्री कहते हैं। इसके लिए एआईसीटीई ने जनवरी में पुन: लेटरल एंट्री देने का आदेश जारी किया है। इसकी वजह से इन दिनों तीसरे सेमेस्टर में लेटरल एंट्री की प्रकिया चल रही है। इससे तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा रोक दी गई है। कुलसचिव डॉ. केके वर्मा ने कहा कि नवंबर में इसकी पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अब प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद परीक्षा के लिए निर्णय लिया जाएगा।
नए व पुराने छात्रों को एक साथ पढ़ाने में हो रही परेशानी
अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी प्रथम सेमेस्टर की पढ़ाई की स्थिति अच्छी नहीं है। इसकी वजह से जो बच्चे पहले प्रवेश ले चुके हैं उन्हें नए आने वाले सहपाठियों का इंतजार करना पड़ रहा है, वहीं नए बच्चों और प्राध्यापकों के सामने कोर्स पूरा करने की समस्या है।
ऐसे कर रहे व्यवस्था
- थ्योरी और प्रैक्टिकल को समायोजित करेंगे : डेयरी कॉलेज के डीन डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि प्रथम सेमेस्टर में अधिकांश पाठ परिचयात्मक पाठ्यक्रम होते हैं। दोनों को समायोजित करेंगे ।
- पाठ्यक्रम को मैनेज करेंगे : कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जीके दास ने कहा कि पाठ्यक्रम को मैनेज किया जा रहा है, ताकि अकादमिक कैलेंडर समय पर पूरा हो सके।
- गर्मी की छुट्टी और प्रिपरेशन लीव की अवधि होगी कम: सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ. एमके वर्मा ने कहा कि 6 माह के सेमेस्टर को 5 माह का करेंगे और परीक्षा की तैयारी की छुट्टी और गर्मी के छुट्टी के दिन कम करेंगे।
- सेकंड सेमेस्टर की पढ़ाई को करना पड़ सकता है एडजस्ट : डीयू की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने कहा कि रविवार को भी कक्षाएं लगेंगी। ऑनलाइन मोड में पढ़ाई होगी। सेकंड में एडजस्ट करना पड़ेगा।