छत्तीसगढ़; धमतरी: मुख्यमंत्री ट्रॉफी के तीसरे दिन भी ग्रामीण टीमों ने मारी बाज़ी… देखें अतिथियों ने क्या कहा…

सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक- छत्तीसगढ़):

धमतरी- आनंद पवार फैंस एवं मॉर्निंग क्रिकेट क्लब द्वारा शहर के मिशन मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री ट्रॉफी के तीसरे दिन भी अप्रत्याशित दृश्य देखने मिला जो बीते दो दिनों में दिखाई दिया था,आज के खेल ने फ़िर से किक्रेट पंडितों के सारी गणनाएँ उलट कर रख दी।

मुख्य अतिथि के तौर पर नगर पालिक निगम के सभापति अनुराग मसीह एवं विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र कुम्हारी के नगर पालिका अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर ने मुख्यमंत्री ट्रॉफी में अपनी उपस्थिति दी। 

वहीं एनसीपी रायपुर की सत्ताइसवीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रदीप नायर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, साथ ही नगर पालिक निगम धमतरी के पार्षदगण सविता कंवर, ममता शर्मा, पूर्णिमा गजानंद रजक, ज्योति वाल्मीकि, राजेश पांडेय, संजय डागौर, दीपक सोनकर, कमलेश सोनकर, सोमेश मेश्राम एवं सूरज गहरवाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच की शोभा बढ़ाई।

मुख्य अतिथि अनुराग मसीह ने नयापारा और पोस्ट ऑफिस वार्ड के मध्य हुए प्रथम मैच की शुरुआत के लिये सिक्का उछाला और फिर बल्ला लेकर स्वयं मैदान में उतर गए, उन्होंने नवागांव वार्ड पार्षद की गेंदबाजी का सामना करते हुए, कुछ कमाल के शॉट लगाकर अपने खिलाड़ी जीवन के दिनों की यादें ताज़ा की, उनके बाद अन्य पार्षदगणों ने भी बल्लेबाजी में अपने हाथ आजमाए।

अनुराग मसीह ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन धमतरी के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के मनोबल के लिए बेहद सकारात्मक सिद्ध होगा, और ऐसे आयोजनों से धमतरी के प्रतिभावान खिलाड़ियों को एक बेहतर मंच मिलेगा। 

विध्यवासिनी वार्ड के पार्षद राजेश पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे आयोजनों से शहर का नाम और मान दोनों ही बढ़ता है। लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 32 शिक्षा संस्थानों में से धमतरी के पीजी कॉलेज की एनसीसी का स्थान प्रथम है और इस आयोजन को देखकर उन्हें इसके पीछे का कारण पता चला कि युवाओं के उत्थान के प्रति धमतरी वासियों की क्या भूमिका होती है।

विशेष आमंत्रित अतिथि राजेश्वर सोनकर ने बताया कि धमतरी में आयोजित इस प्रतियोगिता की प्रशंसा उन्होंने रायपुर सहित अन्य स्थानों पर भी सुनी है और वे अपने साथ आए कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय में पदस्थ धमतरी के अधिकारी हरि पावरिया से इस विषय पर चर्चा होती ही रहती है।

मुख्यमंत्री ट्रॉफी के तीसरे दिन तीन मैच खेले गए जिसमें पहला मैच नयापारा एवं पोस्ट ऑफिस वार्ड के मध्य खेला गया, पोस्ट ऑफिस वार्ड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया, उनके तीन गेंदबाजों मिथलेश, धरम और प्रदीप ने मिलकर नयापारा की टीम के रनों पर तो अंकुश लगाया ही साथ में दो-दो विकेट लेकर उन्हें पिच पर टिकने भी नही दिया, वहीं धरम ने एक और आदित्य सोनकर ने दो खिलाड़ियों को रन आउट करके रही सही कसर भी पूरी कर दी।

कुल मिलाकर नयापारा की टीम निर्धारित 10 ओवर में 51 रन ही बना पाई। इस लक्ष्य को पोस्ट ऑफिस वार्ड टीम के मैक्स पंड्या(33) और प्रदीप(18) की जोड़ी ने मिलकर 7.2 में ही हासिल कर लिया और नयापारा की टीम के हिस्से में एकमात्र विकेट संजय(0) के रूप में ही आया, जिसने उन्हें थोड़ी बहुत खुशी दी।

दूसरे मैच में रुद्री और साल्हेवार पारा की टीम के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें साल्हेवार पारा ने टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का निर्णय लिया और रघुबीर, इशहाक और शब्बीर ने अपनी गेंदबाजी से साल्हेवार पारा के इस फैसले पर मुहर लगा दी और रुद्री की टीम के 8 विकेट लेकर 10 ओवर में मात्र 48 रनों पर ही रोक दिया।

रुद्री के गेंदबाजों ने भी नहले पर दहला फेंका और साल्हेवार पारा के एक भी खिलाड़ी को दहाई के आंकड़े तक पहुँचने नही दिया, रुद्री के कप्तान अभिषेक ने 2 ओवर में बिना कोई रन दिये 2 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजकर प्रतिद्वंद्वी टीम के मनोबल की धज्जियां उड़ा दी, यहाँ तक कि धमतरी के सुप्रसिद्ध बल्लेबाज भाइयों सुमित और रघुवीर भी अपनी टीम के लिए केवल 7-7 रनों का ही योगदान दे पाए।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ट्रॉफी में लगातार तीसरे दिन भी ग्रामीण टीम का दबदबा बरकरार रहा।तीसरे मैच में बठेना और रामपुर वार्ड की टीम मैदान में उतरीं।

जिसमें रामपुर ने टॉस जीतकर बठेना की टीम को पहले बल्लेबाजी करने का निमंत्रण दिया, बठेना की टीम बल्लेबाजी में कुछ ख़ास नही कर पाई और 9.1 ओवर में ही अपने 10 विकेट खो दिए और रामपुर के सामने 42 रनों का आसान लक्ष्य रखा, जिसे रामपुर की टीम के तीन खिलाड़ियों युगल(6), विक्की (12) और मनीष (20) ने मिलकर 4 ओवर में ही हासिल कर लिया।

लगातार तीसरे दिन ग्रामीण टीम ने शहर की टीम को मात देकर प्रतियोगिता के रोमांच को दोगुना कर दिया है अब देखना यह है कि शहर की टीमों के पास कौन सी नई रननीति होगी जिससे वो ग्रामीण टीमों पर अंकुश लगा सकें।

प्रसंशको के बीच अब इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि इस बार की मुख्यमंत्री ट्रॉफी ने शहर की चकाचौंध से दूर गाँव के शांत परिवेश में अपना आशियाना ढूंढ लिया है।

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