मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में पद्मश्री राजमोहिनी देवी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा की आदिवासी समाज से आने वाली स्वर्गीय राजमोहिनी देवी का पूरा जीवन हमें सामाजिक बुराइयों से लड़ने की प्रेरणा देता है।
वे गांधीवादी विचार धारा वाली एक समाज सेविका थी। जिन्होंने बापू धर्म सभा आदिवासी मण्डल की स्थापना की।
यह संस्था गोंडवाना स्थित आदिवासियों के हित के लिए कार्य करती है। मुख्यमंत्री ने कहा की 1951 में अकाल के दौरान उन्होंने गांधीवादी विचारधारा व आदर्शों से प्रभावित होकर एक जन आंदोलन चलाया, जिसे राजमोहनी आंदोलन के नाम से जाना जाता है।
इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी महिलाओं की स्वतन्त्रता व स्वायत्ता निश्चित करने के साथ ही अंधविश्वास और मदिरा पान की समस्याओं का उन्मूलन करना था।
धीरे धीरे इस आंदोलन से लोग जुड़ते गए। बाद में ये आंदोलन एक अशासकीय संस्थान के रूप में सामने आया। इस संस्थान का आश्रम न सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि अन्य प्रदेशों में भी है।