कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सिर्फ तीन दिन ही उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में रही।
इतना ही नहीं, उनकी यात्रा में ना तो अखिलेश यादव और ना ही मायावती शामिल हुईं।
इसके बावजूद, कांग्रेस पार्टी के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता दावा कर रहे हैं कि लोगों से मिल रही प्रतिक्रिया उत्साहित करने वाली है।
इसका सबसे बड़े कारण लोनी बॉर्डर से कैराना तक की यात्रा में बड़े पैमाने पर शामिल हुए मुसलमानों की भीड़ है।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘पश्चिमी यूपी के जिन जिलों से भारत जोड़ो यात्रा गुजरी उनमें मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। मदरसे के बच्चों से लेकर बुर्का पहनी औरतें और उलेमा तक राहुल गांधी के साथ चलते या फिर इंताजर करते दिखे।’
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक विश्लेषक सैयद कासिम ने कहा कि राहुल बीजेपी-आरएसएस पर लगातार हमले कर मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि, “कोई भी पार्टी मुसलमानों के लिए नहीं बोल रही है, लेकिन राहुल गांधी ऐसा कर रहे हैं।”
समजावादी पार्टी की बढ़ेगी चिंता?
राहुल की यात्रा में शामिल हुए मुसलमानों की भीड़ समाजवादी पार्टी की चिंता बढ़ाने वाली है। अखिलेश यादव की पार्टी यादवों के साथ-साथ मुसलमानों को भी अपना मुख्य वोट बैंक मानकर चलती है।
इस मामले पर सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन कहते हैं, ”हम कांग्रेस से नहीं लड़ रहे हैं। हमारी लड़ाई बीजेपी से है।”
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही 2027 में होने वाले हैं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की अहम भूमिका साबित होने वाली है।
कांग्रेस ने बसपा और समाजवादी पार्टी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
यूपी में वापसी के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस अपना दबदबा खो चुकी है। वापसी के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। गांधी परिवार के लिए यह एक महत्वपूर्ण राज्य है।
राहुल गांधी की मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं। राहुल गांधी खुद 2019 का चुनाव हारने से पहले अमेठी का प्रतिनिधित्व करते थे।
उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी लगातार यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने की कवायद करती दिखती हैं।
भारत जोड़ो यात्रा के यूपी चरण के दौरान, राहुल गांधी ने ओबीसी नेताओं से उनकी समस्याओं सहित कई अन्य मुद्दों पर मुलाकात की और बात की।
दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों ने भी इस मार्च में हिस्सा लिया।
इसके अलावा हाल ही में राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी ने कामना की थी कि भगवान राम की कृपा कांग्रेस नेता पर हमेशा बनी रहे।