काम में लापरवाही पर पंचायत सचिव निलंबित : गोधन न्याय योजना में गड़बड़ी, पीएम आवास और शौचालय का भी खा गए पैसा, CEO ने की कार्रवाई, जानिए पूरा मामला…
गरियाबंद : चेकडेम निर्माण में वाहवाही लूटने वाली देवभोग जनपद की चिचिया पंचायत हितग्राही मूलक कार्यों में फिसड्डी साबित हुई है. जिला पंचायत सीईओ के दौरे में कलई खुली तो पंचायत सचिव बैठक में ही नहीं पहुंचे. इसके चलते उन्हें निलंबित किया गया है. वहीं मुड़ागांव सचिव को शोकाज नोटिस जारी किया गया है.
जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव ने आज देवभोग जनपद का दौरा किया. सबसे पहले ग्राम पंचायत चिचिया पहुंचे, जहां हितग्राही मूलक कार्यों में पंचायत की लापरवाही नजर आई.
सीईओ जब गौठान पहुंचे तो मौके पर 20 क्विंटल गोबर मौजूद था, जबकि रिकार्ड में 30 क्विंटल दर्ज था. कम खरीदी की पूछताछ आगे बढ़ी तो पाया गया कि पंचायत ने गोबर बेचने के इछुक 50 से भी ज्यादा विक्रेताओं का नाम पंजीयन नहीं किया था. स्वीकृत 13 वर्मी टांके में से केवल 8 बनाया गया था.
60 हजार रुपए निकाले पर नलकूप खनन का नहीं हुआ काम
जांच बढ़ते गई तो अनियमितता भी सामने आते गया. खरकार में नलकूप खनन के 60 हजार का आहरण कर लिया गया था पर काम नहीं किया गया. वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 93 शौचालय में से 38 का राशि निकालकर बनाया नहीं जाना पाया गया.
पीएम आवास के 20 ऐसे हितग्राही पाए गए, जिनके पैसे आहरण करवाने के बावजूद उनका आवास पूर्ण नहीं किया गया था. हैरानी की बात तो यह है कि अफसर के दौरे के पूर्व सूचना के बावजूद पंचायत सचिव न तो अपने कार्य क्षेत्र में दिखाया और न ही बैठक में उपस्थित हुए.
मामले को जिला पंचायत सचिव ने गंभीरता से लेते हुए पंचायत सचिव खामसिंह मरकाम को निलंबित किया. मामले की विभागीय जांच के लिए पंचायत उपसंचालक पद्मिनी हरदेल को नियुक्त किया गया है. करारोपण लेखा अधिकारी यम प्रकाश रजक प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
मुड़ागांव सचिव को शोकाज नोटिस
अफसर निरीक्षण करते हुए कड़लीमुडा पहुंची, जहां रिपा योजना के तहत चल रहे धीमी कार्य के प्रति नाराजगी जाहिर की. समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए.
जब जिपं सीईओ मुड़ागांव पहुंचे तो वहां भी गोधन न्याय योजना में लापरवाही दिखी. वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में लापरवाही के लिए पंचायत सचिव देवानंद बीसी को शोकाज नोटिस जारी किया गया.
अंत में जनपद सभागार में ब्लॉक के अफसरों की बैठक ली, जिसमें सभी योजनाओ की समीक्षा की गई. विभिन्न योजनाओं के निर्माण कार्य की प्रगति धीमी दिखी. सीईओ ने फरवरी माह तक हर हाल में काम पूरा करने के निर्देश दिए.