चिरायु कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को जन्मजात ह्रदय रोग से पीड़ित 34 नवजात बच्चों की जांच कराई है। जिला अस्पताल में संचालित डीआईसी सेंटर पर की गई इस जांच में 3 बच्चें सर्जरी की आवश्यकता वाले मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग आगे सुविधा युक्त सुपर स्पेशीलिटी अस्पतालों में इनकी सर्जरी कराएगा। सर्जरी के बाद सभी के सभी ह्रदय रोग के दुष्परिणामों से मुक्ति मिल जाएगी। इस शिविर की जांच में 16 बच्चों में सर्जरी की जरूरत के लक्षण दिखाई दिए हैं।
सर्जरी अलग-अलग हार्ट के अस्पतालों में की जाएगी
चयनित बच्चों की हार्ड सर्जरी अलग-अलग सेंटरों पर होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इन सेंटरों को उनकी सुविधाओं अनुसार तय किया है। स्थानीय अधिकारी सर्जरी को लाइन-अप करेंगे। जिन बच्चों को चयन हुआ है, उनके अभिभावकों से कम्यूनिकेशन बना तय सेंटर पर ले जाएंगे।
रूटीन जांच में इन बच्चों की हो पाई पहचान
जिला अस्पताल में होने वाली डिलिवरी और उसके बाद बच्चों के डॉक्टरों की ओपीडी में पहुंचने पर इन बच्चों को चयन हुआ है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में अलग से एक टीम काम करती है। जिला अस्पताल परिसर में ही डीआईसी नाम से सेंटर संचालित है। यहां इस कार्यक्रम के भी सभी अधिकारी व डॉक्टर रहते हैं।
हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टर ने की जांच
बच्चों की जांच के लिए एमएससी हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ अजय चौरसिया और डॉ. गौरव जैन जिला अस्पताल पहुंचे थे। इन दोनों डॉक्टरों ने ही स्थानीय डॉक्टरों द्वारा पहले से चिह्नांकित किए गए बच्चों को देखा और सर्जरी तय की।