क्रिसमस से लेकर नए साल के जश्न के दौरान यूरोप के जिन शहरों की वादियों में ठंड अपने चरम पर होती थी, वहां इस बार उच्च तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और ठंडक में भी गर्मी का अहसास करा रहा है।
इसकी वजह से जलवायु कार्यकर्ताओं ने यूरोपीय सरकारों से अल्पकालिक राहत की पेशकश करने और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने का आह्वान किया है।
स्विट्जरलैंड से पोलैंड और हंगरी तक सैकड़ों शहरों में पिछले दिनों में तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में क्रिसमस की शाम सबसे गर्म दर्ज की गई। वहां नए साल यानी 1 जनवरी को भी तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस (66.02 डिग्री फारेनहाइट) दर्ज किया गया।
फ्रांस जहां, 30/31 दिसंबर की रात से तापमान ने रिकॉर्ड दर्ज कराना शुरू कर दिया था,वहां भी नए साल के दिन दक्षिण पश्चिम में तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया।
नतीजा यह रहा कि नए साल पर गुलजार रहने वाले यूरोपीय स्की रिसॉर्ट बर्फ की कमी के कारण सुनसान पड़े रहे।
चेक टेलीविजन ने सूचना दी कि कुछ निजी बगीचों में पौधों पर फूल आने लगे हैं, जबकि स्विट्जरलैंड के मौसम विज्ञान और जलवायु विज्ञान कार्यालय ने चेतावनी जारी की है कि समय से पहले खिलने वाले हेज़ेल पौधों के फूलों के परागकण से एलर्जी की समस्या बढ़ सकती है।
स्पेन के बिस्के प्रांत के बिलबाओ हवाई अड्डे पर तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियसपर पहुंच गया।
बिलबाओ के गुगेनहाइम संग्रहालय के बाहर नर्वियन नदी के किनारे लोग टहलते हुए या बैठकर धूप का आनंद लेते नजर आ रहे हैं।
बिलबाओ निवासी 81 वर्षीय यूसेबियो फोल्गेइरा ने कहा, “यहां हमेशा बहुत बारिश होती है, यह बहुत ठंडा रहती है लेकिन इस जनवरी में गर्मी महसूस हो रही है।”
फ्रांसीसी पर्यटक जोआना होस्ट ने कहा: “यह बाइकिंग के लिए बहुत सुहाना मौसम है, जिसका हम आनंद ले रहे हैं लेकिन हम जानते हैं कि यह ग्रह के जलने जैसा है। इसलिए हम इसका आनंद तो ले रहे हैं लेकिन साथ ही हम डरे हुए भी हैं।”
वैज्ञानिकों ने अभी तक उन कारणों का विश्लेषण नहीं किया है कि क्यों जनवरी में यूरोप की शहरों में गर्मी बढ़ रही है लेकिन यह बात साफ है कि जलवायु परिवर्तन ने हाल के उच्च तापमान को प्रभावित किया है।
ये गर्मी मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान की लंबी अवधि की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
साल 2021 मे पश्चिमी कनाडा और अमेरिका में घातक गर्मी की लहरें पैदा हुई थीं।अमेरिका के ओरेगन में पोर्टलैंड शहर में पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था, जबकि वाशिंगटन में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
ब्रिटिश कोलंबिया के लिटन में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, माना जाता है कि इस विकट मौसमी घटना के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी।