भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जनवरी के मध्य में होने जा रही है।
अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मौजूदा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के कार्यकाल का विस्तार हो सकता है।
हालांकि, इसे लेकर पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सवाल यह भी है कि अगर नड्डा नहीं, तो भाजपा किसे कमान सौंप सकती है।
संगठन में बदलाव के आसार
अटकलें लगाई जा रही हैं कि चुनावी रूप से व्यस्त साल 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा संगठन से सरकार तक कई बड़े बदलाव कर सकती है।
कहा जा रहा है कि भाजपा कुछ मंत्रियों को और खासतौर से चुनावी राज्यों के मंत्रियों के पार्टी का काम सौंप सकती है।
20 जनवरी को खत्म हो रहा है तीन सालों का कार्यकाल
नड्डा ने जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम शुरू किया था। बाद में 20 जनवरी 2020 को उन्हें फुल टाइम चीफ की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।
अब आगामी 20 जनवरी को उनका तीन सालों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। संभावनाएं हैं कि पार्टी उनके कार्यकाल को विस्तार दे सकती हैं।
नियम क्या कहते हैं
साल 2012 में भाजपा ने नितिन गडकरी को लगातार दूसरी बार कार्यकाल विस्तार देने के लिए संविधान में संशोधन किए थे।
उससे पहले एक भाजपा अध्यक्ष 3 सालों का केवल एक कार्यकाल संभाल सकता था। भाजपा के संविधान की धारा 21 में संशोधन के बाद कहा गया था कि योग्य सदस्य लगातार दो बार पार्टी 3-3 सालों के लिए अध्यक्ष पद पर रह सकता है।
हालांकि, उस दौरान भाजपा के पूर्व प्रमुख वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया था कि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी भी अध्यक्ष को दूसरे कार्यकाल के लिए अपने आप विस्तार मिल सकता है।
इन नामों पर हो सकती है चर्चा
अटकलें हैं कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी अगले अध्यक्ष बन सकते हैं। प्रधान को पार्टी में संकटमोचक की तरह ही देखा जाता है।
पीएम मोदी कई बार उन्हें अहम जिम्मेदारियां सौंप चुके हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लेकर सरकार जब संघर्ष कर रही थी, तब तत्कालीन शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को हटाकर प्रधान को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इसके अलावा पार्टी राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नाम पर भी विचार कर सकती है।
साल 2019 में भी मौजूदा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाद अध्यक्ष पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने नड्डा को जिम्मेदारी दी।
खास बात है कि यादव राजस्थान से आते हैं और इस साल सियासी नजरिए से अहम इस राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।