दुर्ग जिले में एक महिला ने अपनी किडनी बेटे को डोनेट करने के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई।
महिला का कहना है कि इस दुनिया में उसके बेटे के सिवा उसका कोई नहीं है।
वह अपने बेटे को अपनी किडनी डोनेट करना चाहती है, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते नहीं कर पा रही है। मां की फरियाद सुनकर कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
कलेक्टर दुर्ग पुष्पेंद्र मीणा ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए उन्होंने एक महिला को आश्वासन दिया है। महिला इंदिरा नगर दुर्ग की रहने वाली है।
महिला के पति का देहांत हो चुका है। उसके बेटे की किडनी फेल हो चुकी है। उसका उपचार 2020 से जिले के स्थानीय चिकित्सालयों में चल रहा है।
स्पर्श हॉस्पिटल के डॉक्टर का कहना है कि उसके बेटे की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं। इसलिए उसे ठीक करने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट करनी पड़ेगी।
मां ने डॉक्टरों से अपनी किडनी देने की बात कही, लेकिन उसमें इतना खर्च आ रहा है, जिसे वह वहन नहीं कर सकती है।
मां आवेदन करके शासन से मदद मांगी है कि उसकी किडनी ट्रांसप्लांट करने में जो भी आर्थिक खर्च आ रहा है उसकी मदद करें, जिससे वो अपने बेटे की जान को बचा सके।
दो सालों से करा रही है बेटे की डायलिसिस
महिला ने कलेक्टर को बताया कि उसने अपने बेटे का इलाज स्पर्श हॉस्पिटल सुपेला, रामकृष्ण हॉस्पिटल रायपुर और मित्तल हॉस्पिटल नेहरू नगर भिलाई जैसे बड़े संस्थानों में लगातार कराया है।
लगातार महंगा इलाज के चलते वह आर्थिक रूप से टूट चुकी है। रिश्तेदार भी जितना मदद करना था वो कर चुके हैं। अब उसके सामने किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए रुपए नहीं हैं।
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना से मदद के लिए भेजा आवेदन
कलेक्टर ने जनदर्शन में महिला के द्वारा लाए गए सभी मेडिकल दस्तावेजों को देखा। उसके बाद उन्होंने सीएमएचओ दुर्ग को आवेदन भेजते हुए निर्देश दिया है कि वो उस आवेदन को शासन द्वारा चल रही योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के तहत भेजें, जिससे आवेदक को उसका लाभ मिल सके।
किसान के साथ हुई 12 लाख की धोखाधड़ी
कलेक्टर के जनदर्शन में एक और चौंकाने वाला मामला पहुंचा। एक किसान ने आवेदन किया कि उसके साथ बेमेतरा जिले में काम करने वाले एजेंट ने 12 लाख रुपए का गबन किया है।
किसान ग्राम ढेकापुर खम्हरिया का रहने वाला है। उसके पास बेमेतरा का एजेंट आया। उसने बताया कि वो किसानों को लोन दिलाने का कार्य करता था।
उसके प्रलोभन में आकर किसान ने भी देना बैंक बेरला से 2017 में 24 लाख का लोन लिया।
किसान को 12 लाख रुपए की राशि चेक के माध्यम से मिली, लकिन शेष राशि नहीं मिली। एजेंट से बात करने पर उसने चेक बाद में देने की बात कही।
किसान का आरोप है कि एजेंट ने किसान के फर्जी हस्ताक्षर करके बाकी के 12 लाख रुपए निकाल लिए हैं।
अब बैंक ने किसान को 30 लाख रुपए का नोटिस भेजा है। कलेक्टर ने मामले की जांच करने के लिए एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव को निर्देशित किया है।