राजनांदगांव में खुदकुशी की कोशिश करने वाली यासमीन बोलीं- बचाने के बजाए उकसाते रहे अधिकारी

राजनांदगांव में खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर खुदकुशी की कोशिश करने वाली महिला यासमीन बेगम की हालत गंभीर बनी हुई है।

उसका हाल जानने के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह शनिवार देर शाम सेक्टर 9 स्थित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र पहुंचे।

हॉस्पिटल पहुंचकर डॉ. सिंह ने न सिर्फ पीड़ित परिवार से मुलाकात की, बल्कि हॉस्पिटल प्रोटोकॉल के साथ बर्न यूनिट में उपचाराधीन महिला से भी मिले।

उन्होंने डॉक्टरों से यासमीन बेगम के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। पूर्व मुख्यमंत्री से मिलकर परिजन भावुक हो गए।

उन्होंने बताया कि उसकी लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही है। दो-दो बच्चे अनाथ हो जाएंगे।

परिजनों ने बताया कि घटना के समय वहां पूरी नगर निगम की टीम मौजूद थी। अगर वो चाहते तो उसे बचा लेते, लेकिन वो सब तमाशा देखते रहे। उल्टा वहां के अधिकारी कह रहे थे कि मिट्टी तेल डालो और आग लगा लो।

वहां पर पुलिस वाले भी खड़े रहे, लेकिन उन्होंने भी उसे बचाने का कोई प्रयास नहीं किया।

यासमीन का हाल जानने के बाद डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास में रह रहे लोगों को किस तरह की परेशानी हो रही है।

उनके साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है। यासमीन उसका उदाहरण बनी है। यही हाल प्रदेश के अन्य 16 आवास में रह रहे लोगों का है।

राजनांदगांव में एक महिला ने अपने हक के लिए धरना दिया। उसके बाद उसने सार्वजनिक रूप से खुद को आग लगा लिया। उसे बचाने के लिए निगम के अधिकारी सामने नहीं आए।

वो लोग खड़े होकर सिर्फ तमाशा देखते रहे यह बहुत ही शर्मनाक और चिंतनीय विषय है। यासमीन ने बताया कि उसके मन में यही पीड़ा है कि उसने उत्तेजना और गुस्से में जो कदम उठाया वो गलत था, लेकिन उस समय वहां काफी लोग थे उसे बचाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया।

यासमीन के बेटे नफीस का आरोप है कि निगम के अधिकारी ललित मानक सहित तीन अधिकारियों ने उसकी मां को काफी परेशान कर रखा था।

ललित ने मकान आवंटित करने के लिए उसकी मां से 30 हजार रुपए रिश्वत भी ली थी, लेकिन उसके बाद भी मकान नहीं दिया और उल्टा मकान को सील कर दिया। इससे उत्तेजित होकर मां ने यह कदम उठाया।

निगम में जाकर महिला ने की खुदकुशी की कोशिश
सेक्टर 9 हॉस्पिटल में उपचाराधीन यासमीन बेगम गुरुवार 29 दिसंबर को दोपहर 2 बजे निगम कार्यालय अपने घर का ताला खुलवाने के लिए पहुंची थी।

वहां यासमीन ने अधिकारियों से काफी झगड़ा किया और आरोप लगाया कि वो लोग उसको जबरदस्ती परेशान कर रहे हैं।

इसी दौरान उसने अपने पास रखी बोतल से पेट्रोल निकाला और खुद के ऊपर डालकर माचिस से आग लगा ली। इसी दौरान वहां खड़े उसके 13 साल के बेटे नफीस ने उसे बचाया, लेकिन तब तक वह 60-65 प्रतिशत झुलस गई थी। राजनांदगांव पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

पहले जानिए महिला ने खुद को क्यों जलाया

राजनांदगांव के SP प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि लखोली में नगर निगम द्वारा अटल आवास का निर्माण किया गया है। इस आवास में कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है और बिना आवंटन के ही रहने लगे हैं।

नगर निगम की टीम ऐसे लोगों का अवैध कब्जा हटाने गुरुवार को लखोली पहुंची थी। यहां महिला यास्मीन बेगम (49) भी अपने 22 साल के बेटे के साथ रहती है।

उसे आवास अलॉट नहीं किया गया है, फिर भी वह यहां रह रही है। नगर निगम की टीम ने उसका मकान सील कर दिया। ये देखकर महिला ने घर के बाहर खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की।

एक दिन पहले महिला ने निगम कर्मियों पर लगाए थे आरोप

महिला के आत्मदाह करने की कोशिश के बाद निगम की टीम मौके से भाग निकली। स्थानीय लोगों ने बताया एक दिन पहले ही महिला ने निगम के अधिकारियों को मौखिक रूप से बताया था कि निगम के कर्मचारी ने ही प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान में रहने के लिए 30 हजार रुपए लिए हैं। उसकी बात को निगम अफसरों ने अनसुना कर दिया था।

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