चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को देश में बड़े पैमाने पर कोविड-19 के मामलों में उछाल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की।
संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बीजिंग से अधिक जानकारी साझा करने के लिए कहा और महामारी प्रभावित यात्रियों की जांच के लिए भारत जैसे देशों के फैसले का बचाव किया।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने ऑनलाइन बैठक के बाद एक बयान में कहा कि चीनी अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति, उपचार और टीकाकरण पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
बयान में कहा गया है कि वे दुनिया भर में जल्द से जल्द महामारी को समाप्त करने में मदद के लिए तकनीकी आदान-प्रदान जारी रखने पर सहमत हुए।
चीन में ओमीक्रॉन के उपस्वरूप के मौजूदा उछाल से लाखों चीनी संक्रमित हुए हैं, जिससे दुनिया भर में चिंता फैल गई।
इससे पहले बृहस्पतिवार को टेड्रोस ने ट्वीट किया था, जैसा कि मैंने अपने सबसे हालिया संवाददाता सम्मेलन में कहा था – चीन में कोविड-19 की स्थिति का व्यापक जोखिम मूल्यांकन करने के लिए डब्ल्यूएचओ को विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने वायरस फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले लोगों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए भारत सहित विभिन्न देशों का बचाव भी किया।
उन्होंने कहा कि चीन से व्यापक जानकारी के अभाव में यह समझ में आता है कि दुनिया भर के देश इस तरह से कार्य कर रहे हैं, जिससे उन्हें लगता है कि वे अपनी आबादी की रक्षा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम मौजूदा स्थिति के बारे में चिंतित हैं और हम चीन को कोविड-19 वायरस पर नजर रखने तथा उच्चतम जोखिम वाले लोगों का टीकाकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखते हैं। हम नैदानिक देखभाल और स्वास्थ्य प्रणाली की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन देना जारी रखते हैं।
‘ टेड्रोस ने 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में पहली बार सामने आए कोरोनावायरस की उत्पत्ति का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम आंकड़े साझा करने के लिए चीन से आह्वान करना जारी रखेंगे और इस महामारी के बारे में सभी परिकल्पनाओं पर गौर करेंगे।’