तालिबान सरकार ने महिलाओं के अधिकारों व स्वतंत्रता पर नकेल कसते हुए शनिवार को एक और नया फरमान जारी किया है।
इस बार का फरमान घरेलू और विदेशी एनजीओ के लिए है। अब अफगानिस्तान में तालिबान ने महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही सभी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को महिला कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने का आदेश दिया।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, तालिबान ने सभी स्थानीय और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों को आदेश देते हुए कहा है कि वे किसी भी महिला कर्मचारियों को अपने यहां काम पर ना आने दें। यह आदेश तालिबान के अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने जारी किया है।
पत्र में कहा गया है कि महिला कर्मचारियों को अगली सूचना तक काम करने की अनुमति नहीं है। इसमें कहा गया है कि कुछ ने महिलाओं ने इस्लामिक ड्रेसकोड का पालन नहीं किया है।
पत्र के मुताबिक, तालिबान प्रशासन ने महिला कर्मचारियों के लिए जो इस्लामिक ड्रेसकोड तय किया था उसका पालन नहीं किया गया है। अर्थव्यवस्था मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुलरहमान हबीब ने भी इसकी पुष्टि की है।
लाइसेंस रद्द करने की धमकी
यह आदेश वित्त मंत्री कारी दीन मोहम्मद हनीफ के एक पत्र में आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है, तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि उसे एनजीओ के लिए काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में ”गंभीर शिकायतें” मिली हैं, जो ”सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं।”
अफगानिस्तान की आर्थिक मदद कर रहे व जनवरी में तालिबान और नागरिक समाज के सदस्यों के बीच वार्ता की मेजबानी करने वाले नॉर्वे के राजनायिक ने इसकी निंदा की है।
पॉल क्लौमैन बेकन ने ट्वीट किया, “एनजीओ में महिला कर्मचारियों पर लगे प्रतिबंध को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
महिलाओं के अधिकारों के लिए एक झटका होने के अलावा, यह कदम मानवीय संकट को बढ़ा देगा और सबसे कमजोर अफगानों को चोट पहुँचाएगा।”
हालांकि, तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आदेश एनजीओ में काम करने वाली अफगान महिलाओं पर ही लागू होगा या सभी महिलाएं इसके दायरे में आएंगी।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की ओर से महिलाओं के विश्वविद्यालय जाने पर रोक लगाने के मंगलवार के फैसले की कई देशों ने निंदा की है।
तब से अफगान महिलाओं ने प्रतिबंध के खिलाफ प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किया है।
भारत ने अफगानिस्तान के विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने संबंधी खबरों से चिंतित है। साथ ही भारत ने काबुल में एक ऐसी समावेशी सरकार के गठन के अपने आह्वान को दोहराया जो अफगान समाज में महिलाओं और लड़कियों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करे।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन सहित कई देशों ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है। तालिबान ने मार्च में लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों में जाने पर रोक लगा दी थी।