शिक्षा वह ज्योति है, जो अन्याय से लड़ना और आगे बढ़ना सिखाती है: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल…

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को बढ़ावा दे रही है छत्तीसगढ़ सरकार।

सूर्यांश शिक्षा महामहोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल. शिक्षा को बढ़ावा देने पर सूर्यवंशी समाज की सराहना की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज जांजगीर-चाम्पा जिले के ग्राम सिवनी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विराट सूर्यांश शिक्षा महामहोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस दौरान उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि सूर्यवंशी समाज ने शिक्षा के महत्व को समझा और अपने समाज के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा को चुना।

शिक्षा ही वह ज्योति और प्रकाश है जिसके माध्यम से अन्याय के खिलाफ लड़ने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि  अब छत्तीसगढ़ की पहचान बदल रही है। सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक सहित अन्य क्षेत्रों में भी परिवर्तन के साथ राज्य का विकास हो रहा है।

     सूर्यांश शिक्षा उत्थान समिति द्वारा आयोजित सूर्यांश महा महोत्सव में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उन्हें यहाँ आकर शांति और सुकून की अनुभूति होती है।

देश की आजादी से पहले अशिक्षा और कुरीतियों ने समाज को शिक्षा से वंचित किया तो समाज के महापुरुषों ने आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर शिक्षित बनाने में योगदान दिया।

समाज आज उन महापुरुषों व पूर्वजों के योगदान को याद कर आगे बढ़ रही है यह बहुत खुशी की बात है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने संदेश दिया था कि शिक्षित बनो, संगठित रहो, सघंर्ष करो।

इसके साथ ही बुद्ध के करुणा, मैत्री और प्रज्ञा पर भी जोर दिया। हमारी सरकार भी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की दिशा में काम कर रही है।

नक्सल क्षेत्रों के स्कूलों को सँवारा जा रहा है। शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है। शिक्षा के मंदिर को बेहतर बनाने के लिए राज्य के बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान भी रखा गया है।

जहां एक ओर सर्वसुविधायुक्त स्वामी आत्मानन्द स्कूल खोलकर अंग्रेजी व हिंदी में गुणवत्तापूर्ण  शिक्षा दी जा रही है, दो नए यूनिवर्सिटी खोले गए हैं, वहीं दूसरी ओर हम रोजगार मूलक शिक्षा व्यवस्था पर जोर दे रहे हैं।

इसके लिए आटीआई की मांग को देखते हुए नए ट्रेड तथा 12 वीं तक के विद्यार्थियों को कौशल में पारंगत करने 1200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी को दूर करने 4 नए मेडिकल कॉलेज भी खोले गए हैं। जांजगीर में जल्दी ही मेडिकल कालेज खुलेगा।

उन्होंने गरीबों के निःशुल्क उपचार के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी देते हुए कहा कि गम्भीर बीमारियों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से 20 लाख रुपये तक दी जाती है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक योजनाएं बनाई गई है। सरकार छत्तीसगढ़ के सभी गरीबों के जेब में पैसा डाल रही है।

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपूट सब्सिडी देने के साथ गोधन न्याय योजना से गौठान बनाकर गौ-संरक्षण तथा गोबर खरीद कर पशुपालकों को लाभ पहुचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से दीया, सजावटी सामान, खाद बनाने के साथ अब प्राकृतिक पेंट भी तैयार किया जा रहा है। स्कूली भवनों में इसका इस्तेमाल कर स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने राजीव गांधी भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना से सालाना 7 हजार रुपये दिए जाने और वनवासियों से लघुवनोपज अधिक मात्रा व मूल्य पर खरीदने की बात कही।

मुख्यमंत्री बघेल ने गुरु घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी, लालपुर, अमरपुर सहित अन्य स्थलों को भी विकसित करने की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि रामवनगमन पर्यटन परिपथ का विकास और घोटुल, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य के माध्यम से भी संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सूर्यवंशी रत्न सम्मान तथा अन्य सम्मान से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा में माल्यापर्ण करने के साथ समाज के महापुरूषों की पूजा अर्चना की।

       कार्यक्रम में जिले के प्रभारी, राजस्व आपदा प्रबंधन, पंजीयन एवम पुनर्वास मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के सभी समाज व वर्गों के उत्थान और विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

समाज को संगठित और आगे बढ़ाने के लिए जमीन आबंटन के साथ भवन हेतु राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने गरीबों, किसानों और श्रमिकों के लिए योजनाएं बनाई है।

गौठान विकसित कर गौ सेवा और महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ा गया है। गोबर की खरीदी कर आर्थिक विकास से जोड़ा जा रहा है। इससे छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। उन्होंने समाज को हर सम्भव मदद देने की बात कही।

      अंतरास्ट्रीय विराट सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, छत्तीगसढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामसुन्दर दास महत, छ.ग. राज्य शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष राम कुमार पटेल, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती यनिता यशवंत चन्द्रा, नगर पालिका परिषद जांजगीर नेला के अध्यक्ष भगवान दास गढे़वाल, सदस्य, राज्य अनुसूचित जाति आयोग रमेश पैगवार, राम पप्पू बघेल सदस्य अनुसूचित जाति आयोग, सदस्य, राज्य महिला आयोग सुश्री शशिकान्ता राठौर, सदस्य भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल श्रीमती मंजू सिंह, सदस्य रोजगार गारंटी परिषद् श्रीमती शेषराज हरवंश, सदस्य माटीकला बोर्ड, सुश्री पुनिता प्रजापति, सदस्य बाल सरंक्षण आयोग छ.ग. श्रीमती पुष्पा पाटले, नारायण खण्डेलिया सदस्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, श्रीमती ज्योति किशन कश्यप सदस्य खाद्य आयोग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक मोतीलाल, देवांगन चुन्नीलाल साहू, सिवनी के सरपंच श्रीमती बाई महारथी चौहान, अध्यक्ष सूर्यवंशी समाज जांजगीर-चांपा एल डी गढ़ेवाल, समाज के विभिन्न सेवानिवृत्त अधिकारी, विभिन्न जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, समाज के पदाधिकारी और सदस्य सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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