बाबा गुरू घासीदास जी ने समानता का उद्घोष करते हुए दिया मनखे-मनखे एक समान का संदेश।
मुख्यमंत्री ग्राम दैमार में गुरु घासीदास जी की जयंती कार्यक्रम में हुए शामिल।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मेडिकल शिक्षा की अधोसंरचना मजबूत हुई है। इसे और आगे बढ़ाते हुए नये मेडिकल कालेज आरंभ करेंगे।
हमने आईटीआई के माध्यम से नये ट्रेड्स द्वारा कौशल विकास का निर्णय कर इसके लिए कार्य आरंभ कर दिया है।
शिक्षा की मजबूती से ही समाज की मजबूती है और यह हम प्राथमिकता से कर रहे हैं। वे आज दुर्ग जिले के ग्राम दैमार में आयोजित बाबा गुरू घासीदास जी की जयंती कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि विवेकानंद और राजा राममोहन राय जैसे मनीषियों ने देश में विज्ञान की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए अंग्रेजी शिक्षा की बात कही क्योंकि विज्ञान की अधिकतर बातें अंग्रेजी में थीं।
हमारे बच्चे भी वैश्विक भाषा से पीछे नहीं रह जाएं, वैज्ञानिक शब्दावली उन्हें आसानी से समझ आये, इसके लिए भी हमने स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रारंभ कर एक मजबूत अधोसंरचना तैयार की है, साथ ही अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ करने की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान का विचार रखा। छत्तीसगढ़ में उन्हें गुरु कहा जाता है क्योकि गुरु वो हैं जो अंधकार से प्रकाश में ले जाएं और हमें सही रास्ता दिखाये, जो जीवन जीने की कला सिखाये, जो हमें सदमार्ग पर ले जाए।
इसलिए आज 266 साल बाद भी बाबा जी के विचार हमें रास्ता दिखा रहे हैं। उनके रास्ते पर चलने का मतलब है कि हमें अपनी सामाजिक कुरीतियों को पूरी तरह त्यागना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा जी ने जो सेवा का मार्ग दिखाया है। उस पर हम चल रहे हैं। हमारे बच्चे सुपोषित हों, इसके लिए हम कार्य कर रहे हैं।
हाट-बाजार क्लीनिक के माध्यम से हम गांव-गांव पहुंचकर लोगों का निःशुल्क उपचार कर रहे हैं। गंभीर बीमारियों के लिए हम मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से इलाज करा रहे हैं। पाटन में शिक्षा का खूब आंदोलन हुआ है और हर गांव में स्कूल हैं।
शिक्षा पर ध्यान देने की वजह से यह क्षेत्र लाभान्वित हुआ है और इस ज्योत को आगे जलाये रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण विकास और किसानों के लिए जो योजनाएं लाई हैं उसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में गोबर पेंट बनाने की 21 यूनिट काम कर रही हैं और इसे स्व-सहायता समूह की महिलाएं कर रही है। इस मौके पर पूर्व विधायक प्रदीप चौबे, मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा एवं अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।