हीरालाल जोशी (राजस्थान):
धौलपुर पुलिस ने चार दिन पहले मिले अज्ञात महिला के शव के मामले का खुलासा कर दिया है।
महिला की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके सगे भाई ने ही गोली मारकर की थी।
उसके बाद शव को गड्डे में डालकर उसे दबा दिया था। आरोपी ने बहन की हत्या इसलिए की थी क्योंकि वह पहले अपने ही गांव के एक युवक के साथ भाग गई थी।
उसी गुस्से की आग में जल रहे भाई ने आखिरकार उसे मौत की नींद सुला दिया और फरार हो गया। पूरी सोची समझी साजिश के तहत की गई इस हत्या के आरोपी भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर को दिहौली थाना इलाके में अज्ञात महिला का शव मिला था।
बाद में उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के आयेला गांव निवासी पिंकी ठाकुर के रूप में हुई थी।
पिंकी ठाकुर की पहचान के दौरान ही यह पता चला कि उसे उसका भाई घनश्याम सिंह 12 दिसंबर अपने साथ ले गया था।
पिंकी ठाकुर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत गोली मारने से हुई थी। इस पर दिहौली थानाप्रभारी ने इस संबंध में हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने आरोपी को उत्तर प्रदेश से पकड़ा
पुलिस ने जांच के दौरान संदिग्ध माने जा रहे महिला के भाई घनश्याम को दस्तयाब करने के लिए उत्तर प्रदेश में दबिश दी।
इसके लिए मनियां डीएसपी दीपक खण्डेलवाल के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम मथुरा गई। वहां से घनश्याम सिंह को पकड़कर धौलपुर आई।
यहां घनश्याम सिंह से कड़ाई से पूछताछ की गई। पूछताछ में घनश्याम ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने ही पिंकी ठाकुर की गोली मारकर हत्या की थी। इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
बहन गांव के एक लड़के साथ भाग गई थी
हत्या का कारण पूछने पर घनश्याम सिंह ने बताया कि 7 वर्ष पूर्व उसकी बहन गांव के ही एक दूसरी जाति के लड़के के साथ भाग गई थी।
इस पर उसने गुस्से में उस लड़के के पिता जंगलिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिंकी ठाकुर का विवाह मुरैना जिले के दिमनी थाना इलाके के मलूकपुरा गांव में हुआ था।
इस हत्या के बाद पिंकी ठाकुर अपने घर वापस आ गई। लेकिन उसे उसके ससुराल और पीहर पक्ष दोनों ने ही रखने से इनकार कर दिया था।
सात साल जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया था
एसपी सिंह ने बताया कि इस पर पिंकी ठाकुर मध्य प्रदेश में बुआ की लड़की प्रेमवती के पास रहने लग गई।
उधर हत्या के आरोप में घनश्याम सिंह को जेल हो गई। वह 7 साल जेल में रहने के बाद एक माह पूर्व ही जमानत पर छूटकर बाहर आया था।
घनश्याम सिंह को इस बात का गुस्सा था कि पिंकी की वजह से उसकी पूरी जिन्दगी और घर बर्बाद हो गया। इसलिए उसने सोच लिया था कि जेल से बाहर निकलते ही वह पिंकी को मारेगा।
हत्या से पूर्व की थी काफी प्लानिंग
घनश्याम सिंह ने इस हत्या को काफी सोच समझकर प्लानिंग के तहत अंजाम दिया। घनश्यामसिंह का एक रिश्तेदार गुनपुर गोपालपुरा में रहता था।
घनश्याम सिंह ने यहां पर आते हुए अम्बिका से कठूमरी में बनने वाली नई सड़क देखी। वहां उसे सड़क के किनारे गड्ढा और सुनसान बीहड़ दिखा।
घनश्याम सिंह ने अपनी बहन पिंकी को किसी बहाने वहां लाकर मारकर डालना तय किया ताकि किसी को लाश का पता नहीं चले।
बहन को बुआ के घर से लाया और तय जगह पर ले गया
बीते 14 दिसंबर को घनश्याम सिंह आयेला से गाड़ी लेकर अपने दो दोस्तों के साथ पिंकी को लेने बुआ के घर पहुंचा।
वहां उसने कहा कि पिंकी का कहीं रिश्ता करना है। इसलिए उसे ले जाना है। पिंकी भाई की बातों पर विश्वास पर उसके साथ चल दी।
घनश्याम सिंह रात करीब 12-1 बजे अपनी तय जगह सामौर के पास उसी सड़क पर पहुंचा। वहां उसने पिंकी को गाड़ी से बाहर निकलकर चलने को कहा।
छाती और सिर में मारी थी गोलियां
पिंकी के थोड़ा आगे चलते ही घनश्याम सिंह ने उसकी छाती में गोली मार दी। पिंकी के गिरने पर दूसरी गोली उसके सिर पर मार दी।
पिंकी के मरने पर उसे सड़क के किनारे गड्डे में डालकर ऊपर मिट्टी डाल दी और वहां से भाग आया।
घनश्याम सिंह का सोचना था कि पिंकी की लाश जब तक मिलेगी तब तक वह सड़ चुकी होगी और किसी को इसका पता नहीं चलेगा। लेकिन ऐसा हो नहीं सका और घनश्याम पुलिस गिरफ्त में आ गया।