फुटबॉल का महाकुंभ संपन्न हो गया।
29 दिन का फीफा वर्ल्ड कप 32 देशों की टीमों के बीच खेला गया, लेकिन पर्दे के पीछे 250 ऐसे खिलाड़ी पूरी शिद्दत से खेले, जिनकी बदौलत दुनिया ने 5जी का जादू देखा।
यह पहला वर्ल्ड कप रहा, जिसमें पूरा नेटवर्क 5जी सपोर्ट पर आधारित था।
दुनियाभर से आए 250 टेलीकॉम और नेटवर्क एक्सपर्ट्स की बदौलत न सिर्फ कमांड सेंटर, बल्कि हर मैच के लाइव फीड्स, ब्रॉडकास्ट, एआई कंट्रोल, सिक्योरिटी सिस्टम, एडवांस्ड एल्गोरिदम मैनेजमेंट, आठों स्टेडियम 5जी से कनेक्ट रहे। यह उपलब्धि भारत को भी गौरवान्वित करने वाली है।
5जी की नेटवर्किंग करने वाले 250 इंजीनियर्स में से 160 भारतीय थे। इनमें एरिक्सन की टीम को लीड कर रहे कुलदीप टंडन, मिडिल ईस्ट व अफ्रीका के नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम लीडर हर्ष तिवारी प्रमुख हैं।
इस बार रिकॉर्ड 172 गोल
- इस वर्ल्ड कप में कुल 172 गोल हुए। यह संख्या 1930 के बाद सर्वाधिक। अब तक 171 गोल का रिकॉर्ड था।
- 1966 के बाद पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल में 6 गोल हुए।
- मेसी ने मैच के 23वें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदला। यह उनका वर्ल्ड कप फाइनल में पहला गोल था।
फाइनल के ‘एंजेल’ डी मारिया
एंजेल डी मारिया ने फाउल कमाया। इसी दम पर मेसी ने पहला गोल किया। फिर दूसरा गोल एंजेल ने दागा। खास बात यह भी एंजेल फाइनल मैच में ही शुरू से खेलने उतरे।