जोधपुर जिले के शेरगढ़ इलाके के भूंगरा गांव में विवाह समारोह के दौरान हुए गैस सिलेंडर ब्लास्ट हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
लगातार बढ़ते मौतों के आंकड़े के बाद पीड़ित परिवारों को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग को लेकर चल रहे 36 कौमों के धरने और प्रदर्शन के बाद कुछ मांगों सहमति बन गई है।
कई दौर की वार्ता के बाद आखिर इस मामले में रविवार रात को गतिरोध टूटा और प्रदर्शनकारी शव उठाने को तैयार हो गए। मांगों को लेकर रविवार को जोधपुर में विशाल रैली निकाली गई थी।
जोधपुर संभागीय आयुक्त कैलाशचंद मीणा ने बताया कि वार्ता के दौरान प्रत्येक मृतक के परिवार को 17-17 लाख रुपये देने की बात पर सहमति बनी है।
उन्होंने बताया कि अब मोर्चरी में रखे शवों का निस्तारण हो जाएगा। इसके साथ ही धरना भी समाप्त हो जाएगा।
मीणा ने बताया कि 17 लाख रुपये की सहायता राशि में 2-2 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष, 2-2 लाख रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष, 2-2 लाख रुपए गैस कंपनी की ओर से और 6-6 लाख रुपये गैस कंपनी के इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत तथा 5-5 लाख रुपये मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जा रही सहायता को बढ़ाया जाएगा
प्रशासन से हुई वार्ता के बाद बीजेपी नेता पुष्पेंद्र सिंह राणावत ने बताया कि इसके अलावा अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एक प्रतिनिधि मंडल मुलाकात करेगा।
उसके बाद उन मांगों पर भी सहमति बनाई जाएगी। वहीं शेरगढ़ विधायक के पति एवं कांग्रेस नेता उम्मेदसिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री इस हादसे के बाद बहुत ही संवेदनशीलता से काम कर रहे हैं।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि वार्ता के बाद मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जा रही सहायता को बढ़ाया जाएगा।
सिलेंडर ब्लास्ट होने से 63 लोग घायल हो गए थे
उल्लेखनीय है कि शेरगढ़ के भूंगरा गांव में बीते 8 दिसंबर को एक विवाह समारोह के दौरान बारात की रवानगी की तैयारियों चल रही थी।
उसी दौरान गैस सिलेंडर में रिसाव हुआ और आग लगने के बाद दो गैस सिलेंडर ब्लास्ट हो गए थे। इस हादसे में 63 लोग घायल हुए थे।
उनमें से 51 लोगों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती करवाया गया था। उनमें से 35 लोग 60 फीसदी से ज्यादा जले हुए थे। शेष 40 फीसदी से ज्यादा जले हुए थे।
डॉक्टर्स ने उसी समय कह दिया था कि 60 फीसदी से अधिक जले लोगों के जीवन को ज्यादा खतरा है। इसके बाद एक के बाद एक लोगों के मरने की खबरें सामने आने लगी।
अब तक कुल 35 लोगों की जान चली गई है। 11 लोग अभी भी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे लोगों की यह थी मांगें
इस घटना के बाद राजपूत समाज समेत 36 कौमों के लोगों ने पीड़ितों को विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की मांग को लेकर एमचीएच की मोर्चरी के आगे धरना दे दिया था। तीन दिन तक धरना देने के बाद रविवार को रैली निकाली गई थी।
इस दौरान रैली में आए लोग जिला कलेक्टर परिसर के बाहर सड़क पर धरना लगाकर बैठ गए थे। प्रदर्शन कर रहे 36 कौमों के लोगों की मांग थी कि प्रत्येक मृतक के परिजन को 50 लाख रुपये आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दी जाए।
वहीं घायलों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और संविदा पर नौकरी दी जाए। इन सभी मांगों पर आगे प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेगा।