दुर्ग स्टेशन से छूटने वाली सभी 26 ट्रेनों की अधि कतम गति अब 130 किलो मीटर प्रति घंटे हो जाएगी। अभी ट्रैक पर 90 से 110 किमी प्रति घंटे की की रफ्तार से दौड़ रही हैं।
इन दिनों दुर्ग से छूट और गुजर रही एक्स्रेस ट्रेनों की औसत गति 65 से 70 किलो मीटर प्रति घंटे है।
ट्रेनों की अधि कतम गति बढ़ने से औसत गति में 5 से 10 किलो मीटर प्रति घंटे का इजाफा होगा। इस तरह ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेनों की औसत गति 75 से 80 किमी के करीब हो जाएगी।
इससे यात्रियों को अपने निर्धारित गंतव्य तक पहुंचने में अब समय कम लगेगा।
ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्री गंतव्य तक जल्दी पहुंचेंगे
बिलासपुर से नागपुर तक चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस से 130 किमी प्रतिघंटे की गति की शुरुआत हो चुकी है।
आने वाले दिनों में दुर्ग-अजमेर, दुर्ग-बीकानेर, दुर्ग-जम्मुतवी, दुर्ग-निजामुद्दीन, दुर्ग-भोपाल, दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस की गति बढ़ेगी।
साथ ही दुर्ग से छूटने वाली अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों समेत दुर्ग, भिलाई, पावर हाउस से गुजरने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, मंबई-हावड़ा मेल समेत अन्य सुपर फास्ट ट्रेनें भी 130 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ेगी। ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्रियों का समय बचेगा।
नई ट्रेनें चलाने व गुड्स ट्रेनों से सामान ढोने में मिलेगी सहायता
ट्रेनों की गति बढ़ाए जाने से बचने वाले समय में गुड्स ट्रेनों के मूवमेंट को बढ़ाया जाएगा। अधिक सामान का ट्रांसपोर्ट किया जा सकेगा।
साथ ही नई ट्रेनों को चलाने में के लिए समय मिलेगा। ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्रियों के समय की बचत होगी।
नई ट्रेनों के चलने से यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए नया विकल्प मिलेगा। साथ ही सुविधाओं में भी इजाफा होगा।
इससे भी रेलवे के राजस्व में वृद्धि होगी। वहीं रोजगार या स्वरोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो सकती है। बेरोजगारों को उनकी योग्यता के अनुसार काम भी मिल सकेगा।
रेलवे का ऑपरेशन विभाग जुटा नया टाइम टेबल बनाने में
ट्रैक के मेंटनेंस के बाद ट्रेनों की गति बढ़ाई जाने वाली है। इससे ट्रेनें अपने पुराने समय से जल्दी स्टेशनों में पहुंचेगी। इसे ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन विभाग नई समय सारणी बनाने की कवायद में जुट गई है।
जल्दी ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन अन्य जोन से समन्वय बनाकर यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की नई समय सारणी बनाएगी।
इसमें ट्रेनों की टाइमिंग और गति का विशेष ख्याल रखा जाएगा। बचे हुए समय के उपयोग के बारे में भी चर्चा की जा रही है, राजस्व में वृद्धि हो सके और यात्रियों को भी उसका लाभ मिले।
रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव बनाकर भेजा
ट्रैक पर मवेशियों के आते रहने से हादसे की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कुम्हारी से दाधापारा तक ट्रैक के दोनों तरफ फैंसिंग का प्रस्ताव बनाया गया है। इसमें करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
ट्रैक के दोनों तरफ फैंसिंग होने से ट्रैक में मवेशियों का आना-जाना रुक सकेगा। इससे ट्रेनों की गति बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
इसके लिए बोर्ड को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलने और बजट स्वीकृत होने के बाद काम शुरू किया जाएगा। इससे रेल का सफर और सुविधाजनक हो पाएगा।
यात्री सुविधाएं बढ़ेगी और राजस्व भी
ट्रेनों की गति बढ़ने को देखते हुए नई समय सारणी बनाई जा रही है। यात्री सुविधाओं में भी वृद्धि होगी। गुड्स ट्रांसपोर्ट का भी मूवमेंट बढ़ेगा। इससे रेलवे के राजस्व में वृद्धि होगी।
-डॉ. विपिन वैष्णव, सीनियर डीसीएम, रायपुर रेल मंडल