छत्तीसगढ़; धमतरी: ये कैसी मजबूरी! नो-एंट्री में भी भारी वाहनों को देनी पड़ रही एंट्री? नो एंट्री के बावजूद एक हाइवा ने शहर के अंदर छात्र-छात्रा को लिया चपेट में! जिम्मेदारी किसकी?

सैयद जावेद हुसैन, सह संपादक (छत्तीसगढ़):

धमतरी- रोजगार पंजीयन करवाने जा रहे कुरूद ब्लॉक के बंजारी गांव के छात्र-छात्रा को शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे स्थानीय विंध्यवासिनी मंदिर के सामने मुरूम से भरी एक हाइवा क्र. CG-16-CJ-8920 ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे बाइक सवार छात्र-छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें एक ऑटो से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। 

जिला अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक छात्रा मनीषा कुर्रे पिता रोहित कुर्रे की स्थिति देखते हुए परिजनों ने उसे बठेना अस्पताल रेफर करवा लिया जहां उसका इलाज जारी है। 

वहीं 21 वर्षीय छात्र गोविंद पाल पिता कुशल पाल की गंभीर स्थिति देखते हुए जिला अस्पताल से रायपुर रेफर कर दिया गया है।

घटना के समय मौके पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था जिसे पुलिस ने हटवाया, और हाइवा को जप्त कर लिया। लेकिन वहां मौजूद लोगों समेत शहर के लोग पुलिस से जवाब चाहते हैं कि सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक शहर में नो एंट्री लगाई गई है, बावजूद इसके रोजाना शहर की सड़कों में हाइवा वाहन के संचालन में कमी नहीं आ रही, इसका जिम्मेदार आखिर कौन है? लगातार हादसों की चपेट में आ रहे बेगुनाह राहगीरों को आखिर किस तरह बचाया जाए? ये सवाल शहर के जागरूक नागरिकों के ज़हन में घूम रहा है।

गौरतलब हो कि इस सड़क दुर्घटना के चंद मिनट पहले दानीटोला चौक के पास एक एएसआई, एक हवलदार और कुछ सिपाही चेकिंग में जुटे हुए थे, जो मुरूम से भरी हाइवा को शहर में प्रवेश करने दिए, जो कुछ ही दूरी में जाने के बाद छात्र छात्रा को अपनी चपेट में ले ली! क्या इस घटना की जिम्मेदारी वो पुलिस कर्मी लेंगे जो हाइवा को नो एंट्री के बावजूद शहर में प्रवेश करने दिए? 

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