आम आदमी पार्टी से दिल्ली नगर निगम (MCD) का चुनाव हारने के कुछ दिनों बाद,दिल्ली बीजेपी ने दावा किया है कि संशोधित दिल्ली नगर निगम अधिनियम (DMC Act) के अनुसार, यह नागरिक निकाय अब केंद्र सरकार के अधीन आता है और अब एमसीडी दिल्ली सरकार के प्रति जवाबदेह नहीं है।
4 दिसंबर को हुए एमसीडी चुनावों में आप ने बड़ी जीत दर्ज कर नगर निगम में चल रहे बीजेपी के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी केवल 104 वार्ड ही जीत सकी।
दिल्ली बीजेपी के एक प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर कहा कि दिल्ली नगर निगम दिल्ली विधानसभा या दिल्ली सरकार के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
उन्होंने एक बयान में कहा, “दिल्ली नगर निगम अधिनियम में संशोधन के बाद एमसीडी अब केंद्र सरकार या उसके प्रतिनिधि उपराज्यपाल के अधीन है। नागरिक निकाय दिल्ली सरकार या विधान सभा के प्रति जवाबदेह नहीं है।”
दिल्ली बीजेपी की तरफ से यह बयान आप विधायक सौरभ भारद्वाज के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि एमसीडी पर दिल्ली विधानसभा समिति के सदस्यों का एक पैनल जल्द ही देश के कुछ सबसे स्वच्छ शहरों का दौरा करेंगे और उनके ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पृथक्करण और स्वच्छता मॉडल का अध्ययन करेंगे। सौरभ भारद्वाज विधानसभा की इस समिति के अध्यक्ष हैं।
इसके जवाब में कपूर ने कहा, “उपराज्यपाल को एमसीडी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देना चाहिए कि वे अब दिल्ली सरकार या विधानसभा की किसी समिति के प्रति जवाबदेह नहीं हैं।”
कपूर ने कहा कि सौरभ भारद्वाज की यह घोषणा स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भारद्वाज और उनके साथी विधायकों की मंशा निगम के काम में हस्तक्षेप करने की है और वे अपने ही चुने पार्षदों से भी भिड़ेंगे, जिनके पास नवगठित नगर निगम में बहुमत है।
उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि आप विधायक केजरीवाल सरकार के विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी, खाद्य और नागरिक आपूर्ति और दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से सार्वजनिक कार्यों को करवाने पर ध्यान दें।