दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति तैयार करने के लिए गठित समिति इस महीने अपनी मसौदा रिपोर्ट पेश कर सकती है।
सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस समिति का गठन दिल्ली सरकार द्वारा अगस्त में अपनी आबकारी नीति 2021-22 को वापस लेते हुए किया गया था।
दिल्ली सरकार की पुरानी आबकारी नीति कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में थी।
गौरतलब है कि पुरानी आबकारी नीति को लेकर भाजपा दिल्ली सरकार पर हमलावर थी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने भ्रष्टाचार को लेकर कई आरोप लगाए थे।
जिसके बाद नई आबकारी नीति लाने की योजना बनाई गई थी।
दिल्ली के वित्त विभाग में प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा अनुशंसित पिछली नीति की चल रही सीबीआई जांच सहित विभिन्न रुकावटों के कारण नई आबकारी नीति पर अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए और समय मांगा था।
रिपोर्ट में देरी का यह है कारण
बताया गया कि रिपोर्ट में देरी इसलिए भी हुई क्योंकि सरकार ने अपने चार निगमों के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री अपने हाथ में ले ली थी और आबकारी विभाग शराब के ठेके खोलने में व्यस्त था, जो 31 अगस्त के बाद निजी लाइसेंसधारियों के अस्तित्व में नहीं आने के कारण बंद हो गए थे।
अब देखने वाली बात होगी समिति इस महीने में कब तक अपनी मसौदा रिपोर्ट पेश करती है।