नगर पालिक निगम भिलाई के कोहका क्षेत्र में कई करोड़ की सरकारी जमीन बेचने का मामला सामने आया है।
यहां छत्तीसगढ़ शासन की अर्बन सीलिंग भूमि के 0.17 हेक्टेयर जमीन को भू-माफियाओं ने फर्जी आधार कार्ड, ऋण पुस्तिका और गवाह खड़ा कर बेच दिया है।
इसकी शिकायत कोहका क्षेत्र के लोगों ने कलेक्टर दुर्ग और नगर निगम भिलाई के आयुक्त से की है।
पार्षद पति सुमन सागर सिन्हा और साकेत नगर विकास समिति कोहका के लोगों ने इसकी शिकायत की है।
उन्होंने बताया कि कोहका साकेत नगर वार्ड 9 में चामुंडा मंदिर के पास भेलवा तालाब के पास पूर्व दिशा में अर्बन लैंड सीलिंग की खसरा नंबर 4581/1 से लेकर 4581/5 तक कुल 0.17 हेक्टेयर जमीन स्थित है।
भू-माफियाओं ने पहले इस जमीन को किसी लक्ष्मी बाई नाम की महिला को खड़ा कर सेक्टर 6 निवासी राजेंद्र कुमार वाजपेयी को बेच दिया।
बिक्री के दौरान लक्ष्मी बाई ने फर्जी आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका दस्तावेज के नाम पर रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा किया था।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि लक्ष्मी बाई ने अपने दस्तावेजों में एक जगह अंगूठा लगाया और दूसरी जगह आधार कार्ड में उसने हस्ताक्षर किया है।
वहीं लक्ष्मी बाई ने जो जमीन बेची वो 0.17 हेक्टेयर थी, जबकि राजेंद्र कुमार के नाम 0.18 हेक्टेयर जमीन चढ़ी है।
साकेत नगर के लोगों ने दी शिकायत में कहा है कि अगर जल्द इस जमीन की जांच कर कार्रवाई नहीं होती है तो वे लोग इसे लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
शासकीय जमीन की खरीदी बिक्री के इस खेल में लक्ष्मी बाई ने अपना आधार कार्ड संख्या 9082222607263 लगाया है।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि यह आधार नंबर 13 अंक का है, जो कि फर्जी है। भारत में बन रहे सभी आधार कार्ड 12 अंक के हैं।
इतना ही आधार कार्ड में महिला ने अपना पता खुर्सीपार बताया है। जब वहां जाकर उसका पता लगाया गया तो पता चला कि इस नाम की महिला वहां रहती ही नहीं है।
बन गए पक्के मकान
भू-माफियाओं ने कोहका मुख्य मार्ग से कुछ दूर पर स्थित इस शासकीय जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर अलग-अलग लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दी है। लोगों ने यहां पक्के मकान तक बनाना शुरू कर दिया है।
निगम आयुक्त ने कही कार्रवाई की बात
भिलाई नगर निगम के आयुक्त रोहित व्यास ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी। यदि शासकीय जमीन को फर्जी तरीके से बेचा गया है तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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बिलासपुर में दो हफ्ते पहले दीनदयाल आवासीय कॉलोनी में पेड़-पौधे लगाने से नाराज स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लाठी-डंडा और कुल्हाड़ी लेकर जमकर हंगामा मचाया था। उन्होंने युवती और महिला पर हमला भी कर दिया।
महिलाओं की दबंगई का VIDEO भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया, जिसमें महिलाएं मिलकर एक युवती की डंडे से पिटाई करती नजर आईं। पुलिस ने मामले में समूह की महिलाओं पर बलवा का केस दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार हेमीन वस्त्रकार मंगला के दीनदयाल आवासीय कॉलोनी में रहती हैं। वे गृहणी हैं। उन्होंने अपने घर के सामने की जमीन को घेरकर उसमें पौधे लगाए थे।
आवासीय कॉलोनी से लगे ग्राम लोखंडी में महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं सक्रिय हैं, जो आवासीय कॉलोनी में शासकीय जमीन पर कब्जा करने का विरोध कर रही हैं।
रविवार दोपहर समूह की महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंच गईं। उनके हाथ में लाठी-डंडा और कुल्हाड़ी रखा था।
साल भर पहले गुढ़ियारी कोटा कॉलोनी में भूमाफियाओं ने 20 करोड़ से ज्यादा कीमत की एक लाख वर्गफीट से ज्यादा सरकारी जमीनें लोगों को बेच दी थी।
मेड़ और धरसे की भूमि को संकरा कर सड़क किनारे दो-दो हजार वर्गफीट जमीन की प्लाटिंग कर दी गई।
बेचने वालों को मालूम था कि वे सरकारी जमीन बेच रहे हैं, लेकिन खरीदने वालों को इसका पता नहीं चल पाया। कुछ लोगों को जमीन खरीदने के बाद पता चला तो उन्होंने भी चुपचाप दूसरों को प्लाट बेच दिए।
इन प्लाट्स पर 27 लोगों ने लाखों रुपए खर्च करके मकान बनाए। इधर, प्रशासन ने जांच के बाद पूरी जमीन को सरकारी बताकर इसे खरीदनेवालों को अवैध कब्जेधारी करार दिया है।
सभी 27 परिवारों को कब्जे से नोटिस दिए गए तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है। इस मुद्दे पर पूरे इलाके में राजनीति भी तेज हो गई है।
हालांकि ज्यादातर का कहना है कि जिन लोगों ने जमीन बेची है, कार्रवाई उनके खिलाफ की जानी चाहिए। कोटा कालोनी में भूमाफिया ने सरकारी जमीन को बेचने का यह कारनामा पिछले एक दशक में किया।
इन लोगों ने सरकारी जमीन को नक्शे में अपनी बताकर लोगों को प्लाट काटकर दे दिए। जिन 27 घरों के आसपास की जमीन प्रशासन ने नाप ली है, वह पूरा चक सरकारी था।
लेकिन जमीन खरीदनेवाले ज्यादातर को नहीं पता था कि वे सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करवा रहेहैं। बाद में कुछ लोगों को पता चल गया था कि उन्होंने सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली है।
बचने के लिए उन लोगों ने दूसरों का अपना प्लाट बेच दिया। दो-तीन प्लाट की तीन-तीन बार रजिस्ट्री हो गई।
दलाल 50 रुपए के स्टाम्प पर बेच रहे थे सरकारी जमीन
सालभर पहले जशपुर जिला मुख्यालय में वन भूमि और राजस्व विभाग की जमीन पर अवैध प्लाटिंग बेचने का कारोबार चल रहा था।
पड़ोसी प्रांत झारखंड से आकर लोग शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बना रहे थे लेकिन प्रशासन के साथ नगर पंचायत के कर्मचारी भी कार्रवाई करने के बजाए चुप्पी साध रखे थे।
पुलिस महकमा भी पड़ोसी प्रांतों से आकर धड़ल्ले से अतिक्रमण कर घर बनाकर रहने वाले लोगों की गतिविधियों को लेकर सकते में थे।
रानी बगीचा, बेल महादेव, तेतरटोली वार्डों में नजूल एवं राजस्व विभाग की भूमि के अलावा वन विभाग की छोटे झाड़ की भूमि भी है।
इस पर मकान नहीं बनाए जा सकते। इसके बाद भी राजस्व व नजूल भूमि पर बेखौफ अवैध कब्जे किए जा रहे थे। जमीन की प्लाटिंग कर टुकड़ों में योजनाबद्ध ढंग से बेचा जा रहा था।
झारखंड से लोग पहले सीमावर्ती गांवों में आकर बसते है फिर कुछ दिनों में कुछ पैसा देकर जिला मुख्यालय के निकट रानी बगीचा में घर बना लेते हैं।
अर्जुन यादव, राजेंद्र यादव, दलचंद्र यादव ने बताया कि वह एक महीने पहले आकर शासकीय भूमि में मकान बनाने के लिए गांव का दलाल उमेश ने 35-35 हजार रुपए लेकर शपथ पत्र में बसने की अनुमति दी थी।