आंखों में रोशनी नहीं मगर कंठ से फूटते हैं सुरीले स्वर।
मुख्यमंत्री ने हरसंभव सहायता के लिए किया आश्वस्त।
पिरदा भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री बघेल लोगों से उनकी समस्याओं संबंधित आवेदन लेने खुद पहुंचे तो आठ वर्षीय दृष्टिबाधित बालक हिमांशु पसायत के लिए उसके पिता ने मुख्यमंत्री से मदद मांगी।
ग्राम–जगत के निवासी हिमांशु के पिता प्रमोद पसायत की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, वे मजदूरी करते हैं, बेटे का इलाज कराना चाहते हैं।
हिमांशु की आंखों में रोशनी नहीं है मगर उसके कंठ से सुरीले स्वर फूटते हैं।
वह तीन भाषाओं हिंदी, छत्तीसगढ़ी और उड़िया में सुमधुर गायन करता है। हिमांशु पांच वर्ष की आयु से संगीतमयी प्रस्तुति देता है ।
मुख्यमंत्री ने हिमांशु के पिता की गुहार सुनी और हिमांशु की हरसंभव सहायता के लिए आश्वस्त किया।