छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ग्रामीण इलाकों में कंपनी की अजीब मनमानी, समय मांगने के बाद भी नहीं सुन रहे, आम उपभोक्ताओं पर ही कार्रवाई…

बिजली कंपनी इन दिनों बकाया वसूली अभियान चला रही है।

लेकिन इस अभियान में कंपनी की जमकर मनमानी भी सामने आ रही है।

बड़े बकाएदारों को छूट देकर सामान्य उपभोक्ताओं के दो महीने के ही बकाया पर भी लाइन काटने की कार्रवाई की जा रही है।

जब उपभोक्ता रकम जमा कर रहे हैं, तो लाइन जोड़ने के लिए अतिरिक्त राशि मांगी जा रही है।

इधर कंपनी ने सरकारी विभागों को भी बकाया राशि के लिए नोटिस जारी किया है। लेकिन केवल नोटिस की औपचारिकता पूरी कर कंपनी शांत बैठ गई है।

जबकि आम उपभोक्ताओं पर कंपनी पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रही है। राजनांदगांव सहित केजीसी और एमएमसी जिले में सरकारी विभागों के 72 करोड़ रुपए से अधिक बिल बकाया है।

इसके लिए विभाग प्रमुखों को कंपनी ने राशि जमा करने नोटिस दिया है। लेकिन अब तक किसी भी सरकारी विभाग द्वारा राशि जमा करने की जानकारी सामने नहीं आई है। जबकि आम उपभोक्ताओं को ऊपर से दबाव होने की बात कहकर कार्रवाई की जा रही है।

कंपनी अफसरों ने बताया कि बकाया वसूली के लिए सख्ती से अभियान चलाने का टारगेट मिला है। इसके चलते रकम जमा नहीं करने वालों के लाइन काटे जा रहे हैं। वहीं अभियान के दौरान अपील से बड़ी संख्या में लोग बकाया जमा करने भी पहुंच रहे हैं।

खैरागढ़-डोंगरगढ़ में 687 के काटे गए बिजली कनेक्शन
कंपनी ने खैरागढ़ और डोंगरगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में वसूली अभियान चलाया। इसमें 1877 बकाएदारों से 38 लाख 85 हजार की बकाया राजस्व की वसूली की गई। वहीं 687 बकाएदारों के कनेक्शन काटे गए। कंपनी की टीम ने खैरागढ़ उपसंभाग, गंडई उपसंभाग, छुईखदान उपसंभाग, अमलीपारा उपसंभाग, डोंगरगढ़ उपसंभाग व छुरिया उपसंभाग क्षेत्र में उक्त कार्रवाई की है। कंपनी ने बताया कि जिनके कनेक्शन काटे गए हैं, उनकी 19 लाख 68 हजार रुपए की राशि बकाया थी। बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर कनेक्शन काट दिया गया है।

सुरक्षा निधि समायोजित, 8 हजार परिवारों को राहत
इधर कंपनी ने अतिरिक्त सुरक्षा निधि में 8 हजार परिवारों को राहत देने का दावा किया है। कंपनी अफसरों ने बताया कि खपत के आधार पर बीपीएल से एपीएल के श्रेणी में आए 8 हजार उपभोक्ताओं को ऐसी राहत दी जा रही है। उनके अतिरिक्त सुरक्षा निधि को खत्म किया जा रहा है। वहीं जिन उपभोक्ताओं ने राशि जमा कर दी है, उनके अगले बिलों में राशि समायोजित की जाएगी। इससे इन उपभोक्ताओं पर सुरक्षा निधि का भार नहीं पड़ेगा। सुरक्षा निधि के नाम पर मनमाने ढंग से बिल भेजने की शिकायत सामने आई थी, इसके चलते जिलेभर में विरोध भी हुआ।

मिन्नतों के बाद भी समय नहीं दे रहे, लोग नाराज
कंपनी की कार्रवाई की जद में ऐसे उपभोक्ता भी आ रहे हैं, जिनका बकाया महज दो महीने का है। ऐसे उपभोक्ताओं का भी कनेक्शन काटने काटा जा रहा है। सबसे अधिक सख्ती ग्रामीण इलाकों में बरती जा रही है। ग्रामीणों की मिन्नतें व जल्द बकाया जमा करने की बात भी अनसुनी कर दी जा रही है। इसके लिए उच्चाधिकारियों के दबाव की जानकारी दी जा रही है। इससे लोगों में नाराजगी है। कंपनी ने बताया कि बिजली कंपनी द्वारा बिजली बिल के भुगतान में विलंब होने पर उपभोक्ताओं को फोन व एसएमएस के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है।

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