ललित बथोले, खिरकिया
Khirkiya News : जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थक्षेत्र सम्मेदशिखर को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में स्थानीय जैन समाज ने मंगलवार को एक मौन जुलूस निकाला।यह मौन जुलूस कॉलेज रोड स्थित श्वेतांबर जैन मांगलिक भवन / दिगम्बर जेन मंदिर से शुरू हुआ, जो मुख्य चौराहा, रेलवे फाटक, गाँधी चौक, गुरुद्वारा होते हुए नगर परिषद कार्यालय पहुंचा, जहां समाजजनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसडीएम महेश कुमार बमन्हा को सौंपा।
इस दौरान नगर परिषद सीएमओ राजेन्द्र श्रीवास्तव भी मौजूद थे।विरोध प्रदर्शन में महिलाओ ने भी बड़ी संख्या उपस्थिति दर्ज कराई ज्ञापन में जैन समाज ने बताया कि झारखंड राज्य में गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित एक पहाड़ी है, जो विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल भी है।
‘श्री सम्मेद शिखरजी’ के रूप में चर्चित इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहीं से 23 वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था।इसलिए इसे पारसनाथ पर्वत भी कहा जाता है। सम्मेदशिखर जैन धर्म की आस्था का केंद्र है।इस पर्वतराज की जैन अनुयायियों द्वारा हजारों लाखों साल से आराधना की जा रही है।
जैन धर्मावलंबी 27 किमी की इस पर्वतीय तीर्थयात्रा को नंगे पैर, शुद्ध वस्त्र धारण कर उपवास के साथ वंदना करते है।यह पर्वतराज जैन धर्मावलंबियों को पूजन स्थल है।इससे समाज के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है।लेकिन पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इस पर्वतराज को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है।
इससे जैन समाज की भावनाएं आहत हुई है।यह पर्वतराज धार्मिक स्थल है, इसके पर्यटन स्थल बनने से इसकी पवित्रता नष्ट हो जाएगी। वहां अवांछनीय गतिविधियां होने लगेगी, जो धर्मपरायण लोगों के लिए कुठाराघात होगा।इसलिए जैन समाज सरकार से करबद्ध निवेदन करता है कि इस पवित्र पर्वतराज को पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय को वापिस कराएं, ताकि जैन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत न हो।
ज्ञापन का वाचन सुनील कुमार जैन ने किया।इस दौरान समाज के धनसुखलाल भंडारी,हरीशचंद नागड़ा, रमणलाल सांड,चंपालाल भंडारी, निर्मल जैन,सुनील कुमार जैन,नगीनचंद मेहता, सुरेशचंद जैन, ज्ञानचंद मेहता, विमल रांका, सुगनचंद भंडारी, मनोज भंडारी(अमेरिका),विजय सेठी, धनंजय जैन, शिखर भंडारी, संजीव जैन, बबलू जैन,अनिल मुणोत, मनोज जेन,बद्री प्रसाद पटेल, अनिल दरबार, दिलीप ठाकुर, विक्रम नागड़ा,राजेश मेहता,राजू मंडलोई,आदेश चोपड़ा,आनंद श्रीमाल, नितिन विनायक, विवेक जैन,प्रवीण जैन,आशीष समदडीया,पीयूष जैन,राजकुमार रांका,ललित जैन,केशव जैन,अनुज जैन, अंशुल जैन,रौनक जैन, अभिषेक (जिम्मी)जैन, अभिषेक बबलू जैन,अंकित जैन,अमन जैन,मयूर जैन,धर्मेंद्र भंडारी,अक्षय भंडारी,रितेश कोचर,विराज नागड़ा, श्राविका मंडल मधु देवी मेहता,कामिनी जैन,मधु जैन,ममता जैन,विनीता जैन,ऊषा जैन,दीपा जैन,प्रियंका जैन,बबीता जैन, विनीता जैन,रचना जैन,रश्मि श्री श्री माल,राजश्री मेहता,दीपमाला नागड़ा,स्मिता जैन,शिखा भंडारी,संध्या मेहता,तरुणा जैन,दीपिका जैन,सरोज जैन, रत्ना समदडिया,समता जैन, प्रीति जैन, शैली जैन, महिमा जैन,सुरेखा सेठी, सीमा चोपड़ा, विनीता जैन, आस्था जैन, रजनी जैन, छाया भंडारी सहित अन्य समाजजन उपस्थित थे।