कृषि मंडी में चार दिन बाद सोमवार को धान की नीलामी हुई। इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है।
मंडी टैक्स बढ़ाए जाने के विरोध में ट्रेडर्स एसोसिएशन ने गुरुवार-शुक्रवार को नीलामी रोक दी थी।
वहीं शनिवार और रविवार को अवकाश के चलते मंडी बंद रही। इससे मंडी में 15 हजार कट्टा से अधिक धान जाम हो गया था। किसानों को अपनी धान की सुरक्षा के लिए भी मंडी में रात बिताना पड़ा है।
अपनी मांगों को लेकर राहत के संकेत मिलने के बाद एसोसिएशन ने सोमवार को धान सहित दूसरे उपज की खरीदी की।
इससे बारिश की संभावना के बीच मंडी में रखे किसानों के धान का उठाव हो सका। किसानों को भी इससे बड़ी राहत मिली है। इधर सोमवार को एसडीएम अरुण वर्मा ने धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया।
जहां उन्होंने बिगड़े मौसम में धान की सुरक्षा को लेकर मौजूद संसाधनों और व्यवस्था की जानकारी ली। इन दिनों धान की बंपर आवक केंद्रों में बनी हुई है।
तीनों जिलों को मिलाकर अब तक 47 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है।
अवैध परिवहन, डोंगरगढ़ में पकड़ा गया 600 कट्टा धान
इधर डोंगरगढ़ में बोरतलाव रोड में धान से भरे ट्रक को पकड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक ट्रक में 600 कट्टा धान लोड था, जिसे खैरागढ़ से महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था।
एसडीएम गिरिश रामटेके ने बताया कि कार्रवाई में ट्रक जब्त किया गया है,आगे की कार्रवाई के लिए मंडी को जिम्मेदारी दी गई है।
इधर मंडी कर्मचारियों ने अब तक मामले को लेकर जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। बताया गया कि ट्रक चालक के पास धान के परिवहन से संबंधित कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं थे। अवैध परिवहन को देखते हुए उक्त कार्रवाई की गई है।
इधर, मौसम बदलने के कारण जल्दी पक रहे टमाटर
बदले मौसम का सबसे बुरा असर टमाटर की फसल पर पड़ रहा है। बदली भरे मौसम की वजह से टमाटर जल्दी पक रहे हैं।
इससे बाजार में आवक बढ़ गई है और रेट कम होने लगा है। इससे किसानों को नुकसान पहुंच रहा है। इन दिनों टमाटर 5 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है।
इसकी वजह मौसम में हुए बदलाव को बताया जा रहा है। आसमान में बादल छाने की वजह से टमाटर तेजी से पकने और गलने लगे हैं। यही वजह है कि बड़े नुकसान से बचने के लिए किसान टमाटर कम दाम में बेचने को मजबूर हैं।
50 फीसदी धान का भी उठाव नहीं हो सका है
धान की खरीदी की तुलना में परिवहन काफी कमजोर है। इसके चलते केंद्रों में अब समस्या खड़ी हो रही है। किसान जो धान लेकर आ रहे हैं, उसे रखने के लिए जगह की किल्लत है।
छोटे केंद्रों में तो समस्या और बढ़ गई है। अब तक खरीदी की तुलना में 50 फीसदी धान का परिवहन भी नहीं हो सका है।
उस पर बारिश की आशंका ने कर्मचारियों और किसानों को और परेशान कर रखा है। हालांकि अब तक जिले के किसी भी हिस्से में बारिश नहीं होने से किसानों ने राहत महसूस की है।
लेकिन मौसम में अब भी सुधार नहीं हो सका है।