गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव की मतगणना जारी है।
शुरुआती रुझानों में दोनों ही राज्यों में भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। गुजरात में भाजपा जहां 135 सीटों पर तो हिमाचल प्रदेश में 39 सीटों पर आगे चल रही है।
वहीं, हिमाचल और गुजरात दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर पर बनी हुई है। गुजरात में कांग्रेस 40 और हिमाचल प्रदेश में 27 सीटों पर आगे चल रही है।
आम आदमी पार्टी की बात करें तो गुजरात में पांच सीटों पर आगे है।
यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण इसलिए माने जा रहे हैं क्योंकि ये वे चुनाव हैं जिनसे आने वाले दो सालों में होने वाले कई अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर यह संकेत मिलेंगे कि देश की आगे की राजनीतिक दिशा क्या होगी।
सुबह आठ बजे से शुरू हुई मतगणना के बाद अगले तीन घंटों में नतीजों की काफी हद तक स्पष्ट तस्वीर सामने आ जाएगी।
दिन ढलते-ढलते दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव और कुछ अन्य राज्यों में हुए विधानसभा और लोकसभा के उपचुनावों के सारे नतीजे सामने आ जाएंगे।
इन दोनों राज्यों में बीजेपी सत्तारूढ़ है और वह इन दोनों राज्यों की सत्ता को बचाने के साथ-साथ नए रिकॉर्ड भी बनाना चाहती है।
गुजरात में यदि इस बार बीजेपी जीत जाती है तो वह लगातार सात बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के रिकार्ड की बराबरी कर लेगी।
दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में 1985 के बाद से किसी दल ने लगातार दो विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं।अगर बीजेपी इस राज्य में सत्ता में बनी रहती हैतो यह भी उसका एक अन्य रिकॉर्ड होगा।
लगातार कई चुनावों में हार का सामना करने के बाद देश में अपना जनाधार वापस हासिल करने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर निकली कांग्रेस के लिए यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनके नतीजे तय करेंगे कि इस पार्टी का भविष्य क्या हो सकता है।
देश की इस सबसे पुरानी पार्टी को अगर हिमाचल प्रदेश में जीत मिलती है और गुजरात में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी के बावजूद वह मुख्य विपक्षी दल बनी रहती है तो यह उसके लिए बहुत ही सुखद स्थिति होगी।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी की दमदार मौजूदगी ने नए राजनीतिक समीकरण बना दिए हैं।
पंजाब में जोरदार जीत के बाद उत्साहित ‘आप’ अब राष्ट्रीय राजनीतिक दल बनने की महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ रही है।
वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती खड़ी कर रही है। दिल्ली नगर निगम चुनाव में कामयाबी हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को गुजरात से भी उम्मीद है।