भारत, अमेरिका समेत दुनियाभर के ज्यादातर देश चीन की चालाकी से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
हाल ही में एक रिपोर्ट से चीन को लेकर अहम खुलासा हुआ है, दरअसल, चीन ने शातिराना चाल चलते हुए दुनियाभर में 100 से ज्यादा अपने पुलिस स्टेशन खोल दिए हैं।
इस दौरान किसी को भी ड्रैगन के चाल की कानों-कान खबर तक नहीं लगी। सीएनएन की रिपोर्ट में चीन द्वारा खोले गए इन पुलिस स्टेशनों के पीछे की वजह के बारे में भी बताया गया है।
दावा किया गया है कि इसके जरिए चीन विदेशों में रहने वाले चीनी नागरिकों की निगरानी रखना चाहता है।
इसके साथ ही इन पुलिस स्टेशनों का काम वहां रह रहे चीनी नागरिकों को परेशान करना और वापस लाना भी है।
मैड्रिड स्थित मानवाधिकार कैंपेनर सेफगार्ड डिफेंडर्स ने सितंबर में पुलिस स्टेशनों को लेकर खुलासा किया था।
“पैट्रोल एंड पर्सुएड” नामक रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक उपस्थिति हासिल करने के लिए कुछ यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा व्यवस्था की है।
समूह की रिपोर्ट बताती है कि चीन और कई यूरोपीय देशों के बीच संयुक्त पुलिस पहल की भूमिका ने चीनी विदेशी स्टेशनों के प्रसार में मदद की है। ये स्टेशन इटली, क्रोएशिया, सर्बिया और रोमानिया में भी हैं।
समूह ने दावा किया है कि पेरिस में अंडरकवर काम कर रहे गुर्गों ने एक चीनी नागरिक को घर लौटने के लिए मजबूर किया।
इससे पहले दो अन्य चीनी निर्वासितों को भी सर्बिया और स्पेन से स्वदेश लौटने के लिए मजबूर किया गया था।
चीन का जवाब- बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना बंद करें
सेफगार्ड डिफेंडर्स का कहना है कि उसने कम-से-कम 53 देशों में सक्रिय चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के चार अलग-अलग पुलिस न्यायालयों की पहचान की है।
ये स्टेशन चीन के उन हिस्सों से प्रवासियों की जरूरतों को पूरा करते हैं। हालांकि, बीजिंग ने विदेश में ऐसे पुलिस स्टेशन चलाए जाने की सभी खबरों को खारिज किया है।
चीन ने पिछले महीने सीएनएन से कहा, “हम आशा करते हैं कि संबंधित पक्ष तनाव पैदा करने के लिए इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना बंद करें। चीन को बदनाम करने के बहाने इसका इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है।” चीन का दावा है कि ये केंद्र प्रशासनिक हब हैं, जिन्हें चीनी प्रवासियों को दस्तावेज़ीकरण को नवीनीकृत करने में मदद करने का काम सौंपा गया है।”
कोविड से पहले के हैं कई पुलिस स्टेशंस
चीन ने यह भी कहा कि ये सेंटर कोविड-19 महामारी के बाद दूसरे देशों में फंसे नागरिकों की मदद के लिए खोले गए थे।
हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, ये सेंटर कई वर्षों से महामारी से पहले के हैं। सेफगार्ड डिफेंडर्स के आरोपों का जवाब देते हुए चीन ने कहा था कि ये सेंटर वॉलेंटियर्स द्वारा संचालित हैं। हालांकि, समूह की रिपोर्ट कहती है कि इसके एक पुलिस नेटवर्क ने अपने पहले 21 स्टेशनों के लिए 135 लोगों को काम पर रखा था।
इन पुलिस स्टेशनों को लेकर रिपोर्ट आने के बाद कम-से-कम 13 अलग-अलग देशों में जांच शुरू की गई है। चीन और कनाडा जैसे देशों के बीच तनाव भी बढ़ गया है।