केरल कांग्रेस में रार की खबरों के बीच सांसद शशि थरूर के दौरे की रफ्तार भी जारी है।
शनिवार को उन्होंने दौरे के अगले पड़ाव का आगाज किया। खबर है कि इसी बीच केरल कांग्रेस के नेताओं के बीच भी हलचल तेज हो गई है।
तिरुवनंतपुरम सांसद ने बीते महीने उत्तर केरल से सफर का आगाज किया था। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगी थी कि थरूर राज्य में अपना कद बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं।
कोट्टायम और पाथनमिट्टा जिलों में केरल कांग्रेस के नेताओं के एक वर्ग ने थरूर के कार्यक्रम से दूरी बना ली। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि पार्टी को इसकी जानकारी नहीं दी गई।
शनिवार को कोट्टायम जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नाट्टकम सुरेश खुलकर सांसद के विरोध में आ गए। उ्नहोंने आरोप लगाए कि थरूर ने जिला नेतृत्व को जानकारी नहीं दी है।
कोट्टायम में थरूर ने केएम चंडी फाउंडेशन फंक्शन को संबोधित किया। खास बात है कि यहां शिक्षाविद् प्रोफेसर सिरियाक थॉमस ने थरूर को केरल का भविष्य का मुख्यमंत्री बताया।
हालांकि, डीसीसी अध्यक्ष सुरे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, लेकिन थरूर के भाषण के पहले ही चले गए थे।
इधर, थरूर खेमे का दावा है कि उनके कार्यक्रम पार्टी में गुट बनाने का काम नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, कांग्रेस नेता के उत्तर और मध्य केरल के दौरे ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को मन में चिंता पैदा कर दी है। पहले ही कुछ सांसद और युवा कांग्रेस के नेता थरूर के समर्थन में आ गए हैं।
रविवार को खुद थरूर ने भी दावा किया कि वह किसी तरह की गुटबाजी में शामिल नहीं हैं और किसी भी अन्य कांग्रेस नेता की तरह पार्टी नेता को संबोधित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि यह विवाद क्यों हो रहा है। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन केरल में जाकर लोगों को संबोधित करना चाहते थे। अगर पार्टी नेतृत्व मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक समिति में शिकायत करता है, तो मैं जवाब दूंगा।’