छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों का बनेगा यूआईडी कार्ड सभी योजनाओं में मिलेगा लाभ; विशिष्ट पहचान पत्र बनाने जिलेवार डाटा हो रहा तैयार…

आधार कार्ड की तर्ज पर जिले समेत प्रदेश के दिव्यांगजनों को नए सिर से विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यूडीआईडी) प्रदान किया जाएगा।

इस यूडीआईडी कार्ड दिव्यांगों के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने का एकल दस्तावेज किया जा रहा है।

दो माह पहले शासन के नोटिफिकेशन जारी करने के बाद नए सिरे से सर्वे का काम शुरू हो चुका है।

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिव्यांग लोगों को तमाम शासकीय योजना में एक दस्तावेज के माध्यम से लाभ प्रदान करने के मकसद से यूडीआईडी कार्ड बनाने की योजना तैयार की गई।

हालांकि पहले पहले 7 प्रकार की निशक्ता को दिव्यांगता की श्रेणी में रखा जाता था। उस आधार पर करीब 75 फीसदी दिव्यांगों का यूआईडी कार्ड बना दिया गया।

लेकिन बाद में 21 प्रकार की निशक्तता वाले लोगों को दिव्यांगता में शामिल कर लिया गया। इसकी वजह से प्रदेश स्तर से ही जिलेवार डाटा तैयार किया जा रहा है।

दुर्ग जिले में 12 हजार दिव्यांग, सर्वे में बढ़ेगी संख्या

देशभर में कहीं पर भी ले सकते हैं लाभ पहचान पत्र को मिलेगी मान्यता
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले दिव्यांगजनों को दूसरे राज्यों में संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए नए सिरे से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता था।

तब जाकर उन्हें योजनाओं का लाभ मिलता था। इसके अलावा आवेदन के समय तमाम तरह के दस्तावेज भी लगाने पड़ते थे।

लेकिन विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र का उपयोग एकल दस्तावेज में किया जा सकेगा। इसके अलावा यूआईडी कार्ड की मान्यता देश के सभी राज्यों में होगी।

दिव्यांगजन किसी प्रदेश में रहने के दौरान इस कार्ड के माध्यम से योजनाओं का लाभ ले सकता है।

आने वाले दो सप्ताह में जिलेवार गणना होने के बाद दिव्यांगजनों का यूआईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

21 प्रकार के दिव्यांगों को किया है शामिल
राज्य सरकार ने अब 21 प्रकार की कैटेगरी के दिव्यांग को योजना में शामिल किया है, जिसमें दृष्टि बाधित, अल्पदृष्टि, कुष्ठरोगी, श्रवण बाधित, चलन निशक्तता, बौनापन, बौद्धिक निशक्तता, मानसिक रोग, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मांसपेशी दुर्विकार, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन्स, स्पेशिफिक लर्निंग डिसएबिलिटी, मल्टीपल स्कलेरोसिस, वाक एवं भाषा निशक्तता, थेलेसीमिया, हिमोफिलिया, स्किल सैल डिसीज, बहु निशक्तता, तेजाब हमला पीड़ित एवं पार्किनसंस रोग के विकारों से ग्रसित लोगों को शामिल किया गया है।

प्रदेशभर में इसलिए नए सिरे से हो रहा सर्वे
पुराने सर्वे के मुताबिक दुर्ग जिले में 12 हजार दिव्यांग हैं। लेकिन 21 प्रकार के निशक्तों को दिव्यांगता की श्रेणी में लाने के बाद संचालनालय स्तर से प्रत्येक जिले में सर्वे का काम शुरू किया गया है।

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हालांकि सर्वे का काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। अब हुए सर्वे में प्रदेशभर में दिव्यांग लोगों की संख्या 6 लाख निकलकर आई है।

आने वाले दो सप्ताह में जिलेवार सूची तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद सूची को जिले में भेज दिया जाएगा। इसके बाद पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

सर्वे का काम चल रहा है, फिर बनेंगे कार्ड

पंकज वर्मा, डायरेक्टर संचालनालय समाज कल्याण विभाग ने कहा“21 प्रकार की निशक्तता को दिव्यागंता में शामिल करने के बाद नए सिरे से सर्वे किया जा रहा है। हालांकि कुछ जिलों में आंशिक रूप से सर्वे का काम रह गया है। अब तक मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेशभर में इनकी संख्या 6 लाख से ज्यादा आई है। जल्द सर्वे का काम पूरा हो जाएगा।”

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