दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सभी 250 वार्ड के लिए आज सुबस से मतदान जारी है।
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
एमसीडी चुनाव में 1.45 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए योग्य हैं। चुनाव में कुल 1,349 उम्मीदवार मैदान में हैं।
मतदान सुबह 8 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक होगा और मतगणना 7 दिसंबर को होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1,45,05,358 है, जिसमें 78,93,418 पुरुष, 66,10,879 महिलाएं और 1,061 ट्रांसजेंडर हैं।
परिसीसन की कवायद और उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों को मिलाकर एकीकृत एमसीडी बनाने के बाद यह पहला चुनाव है।
एकीकृत एमसीडी 22 मई से अस्तित्व में आई है। एमसीडी को 1958 में स्थापित किया गया था।
2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान इसे तीन हिस्सों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में बांट दिया गया था। हालांकि, इस साल फिर से तीनों को एकीकृत कर दिया गया।
राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि चुनाव अधिकारी और उसकी टीम रविवार को होने वाले इस मतदान के लिए पूरी तरह तैयार हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के बाद नगर निगम का यह पहला चुनाव है और अधिकारियों की ओर साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 493 स्थानों पर 3360 बूथ को संवेदनशील घोषित किया गया है।
40,000 पुलिसकर्मी, 20,000 होमगार्ड और अर्द्धसैनिक बलों की 108 कंपनी होंगी तैनात
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमसीडी चुनाव सुगम तरीके से कराने के लिए करीब 40,000 पुलिसकर्मी, 20,000 होमगार्ड और अर्द्धसैनिक तथा राज्य सशस्त्र पुलिस बलों की 108 कंपनी को तैनात किया जाएगा।
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि 68 मतदान केंद्रों को मॉडल मतदान केंद्र बनाया गया है, जबकि 68 को ‘पिंक’ मतदान केंद्र बनाया गया है।
साल 2017 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने कुल 270 वार्ड में से 181 में जीत हासिल की थी।
प्रत्याशियों के निधन के कारण दो सीट पर मतदान नहीं हो सका था। ‘आप’ ने 48 और कांग्रेस ने 27 वार्ड में जीत दर्ज की थी। 2017 में 53 फीसदी मतदान हुआ था।