कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर टिप्पणी कर सियासी विवाद पैदा कर दिया है।
क्या केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस (Congress) में वापस लौटेंगे ? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा सिंधिया “24-कैरेट गद्दार” हैं, पार्टी में उनकी वापसी का कोई सवाल ही नहीं उठता।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया दो साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए थे। नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय का पोर्टफोलियो मिला है।
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के आगर मालवा में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद ‘गरिमापूर्ण चुप्पी’ बनाए रखने वाले कपिल सिब्बल जैसे लोगों को पार्टी वापस लौटने की अनुमति दे सकती है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया या हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोगों को नहीं।
इस मौके पर कांग्रेस के मीडिया प्रमुख जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को “24 कैरेट देशद्रोही” भी कहा।
यह पूछे जाने पर कि अगर कोई पाखण्डी नेता वापस आना चाहता है तो कांग्रेस पार्टी का क्या रुख होगा ? रमेश ने कहा, “मुझे लगता है कि जो लोग कांग्रेस छोड़ चुके हैं, उनका वापस स्वागत नहीं किया जाना चाहिए।
रमेश ने कहा जिन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और गाली दी उनको पार्टा में वापस नहीं लेना चाहिए। लेकिन जिन्होंने पार्टी को गरिमा के साथ छोड़ा और गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए हुए हैं, उनको दोबारा पार्टी में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।
बता दें कि जयराम रमेश कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान साथ में पदयात्रा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं अपने पूर्व सहयोगी और एक बहुत अच्छे दोस्त कपिल सिब्बल के बारे में सोच सकता हूं, जिन्होंने किसी कारण से पार्टी छोड़ दी, लेकिन सिंधिया और हिमंत बिस्वा सरमा के बारे में नहीं।
रमेश ने कहा, कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी पर बहुत गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए रखी।
इसी बीच रमेश की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सिंधिया “मजबूत सांस्कृतिक जड़ों वाले 24 कैरेट देशभक्त हैं। ”
उन्होंने कहा कि सिंधिया और सरमा दोनों के पास अपने काम के लिए “24 कैरेट” प्रतिबद्धता है। रमेश की टिप्पणी “असंस्कृत” और “पूरी तरह से अलोकतांत्रिक” है।
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 2015 में पार्टी की चुनावी हार के लिए राहुल गांधी के ‘कुप्रबंधन’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी।
भाजपा में शामिल होने के बाद पहले केंद्रीय मंत्री और बाद में असम के मुख्यमंत्री बने सरमा फायरब्रांड नेता के रूप में लोकप्रिय हैं। सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस से किनारा किया था।