शासन की ओर से मकानों का नियमितीकरण कानून संशोधन के बाद जिले में नए सिरे से अवैध मकानों व बिल्डिंग को चिह्नांकित करने की कार्यवाही शुरू हो गई है।
बालोद निवेश क्षेत्र से जुड़े कलेक्ट्रेट के पास सिवनी क्षेत्र में सर्वे के बाद खुलासा हुआ है कि 40 लोगों ने विभाग से परमिशन, जमीन का डायवर्सन करवाए बिना मकान, बिल्डिंग बनवा लिया है।
इन 40 लोगों के नाम की सूची तैयार हो गई है। जिन्हें एक सप्ताह के अंदर नोटिस जारी होगा।
नोटिस मिलने के बाद 15 दिन के अंदर संबंधितों को जमीन संबंधित दस्तावेज जमा करना होगा। अगर दस्तावेज नहीं रहेगा तो नियमितीकरण के लिए तय की गई जुर्माना राशि जमा करनी पड़ेगी।
नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक व नियमितीकरण समिति के संयोजक प्रतीक दीक्षित ने बताया कि अभी यह प्रारंभिक प्रकिया है, जिले के अधिकांश क्षेत्र में निरीक्षण सर्वे होना बाकी है।
आंकड़े बढ़ते जाएंगे। 7 निवेश क्षेत्र से जुड़े जिले के 8 नगरीय निकाय व लगभग 60 गांवों में सर्वे करने टीम पहुंचेगी।
नगर पालिका, नगर तथा ग्राम निवेश, राजस्व विभाग के पास जमीन संबंधित रिकार्ड मौजूद है। इसी के आधार पर वास्तविकता मालूम हो जाएगी कि कितने लोग अवैध ढंग से मकान बनवाए है।
शहर में निकाय टीम, गांव में निवेश टीम सर्वे करेगी
जिले के शहरी क्षेत्र में नगर पालिका व नगर पंचायत की टीम और निवेश क्षेत्र से जुड़े गांव में निवेश टीम सर्वे करने पहुंचेगी।
जरूरत अनुसार राजस्व विभाग के अफसरों को भी शामिल जाएगा। नियमितिकरण के संबंध में पिछले माह जिला मुख्यालय के कला केंद्र में नगरीय निकाय व नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अफसरों की बैठक हुई थी।
जिसमें सहायक संचालक ने सभी सीएमओ को सर्वे करने के लिए कहा है।
इस संबंंध में विभाग की ओर से दो नगर पालिका और 6 नगर पंचायत के सीएमओ को पत्र भी भेजा गया है।
सीएमओ व उनके कर्मचारियों को मालूम है कि नगरीय निकाय क्षेत्र में किसने परमिशन लेकर मकान बनवाया है और किसने नहीं, इसलिए स्थानीय अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है। ताकि सर्वे कार्य पूरा हो सकें।
- इस माह निवेश क्षेत्र से जुड़े जिले के 8 नगरीय निकाय व 60 गांवों में सर्वे करने पहुंचेंगे अफसर
- नियमितीकरण न कराने पर निकाय व ग्राम नगर निवेश अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी
दस्तावेज जमा नहीं करने पर यह कार्रवाई का प्रावधान
1- जिनका मकान अवैध ढंग से बना है यानी परमिशन नहीं लिया है। उन्हें नोटिस जारी कर सबसे पहले जमीन डायवर्सन संबंधित दस्तावेज मंगाया जाएगा।
अगर नहीं देंगे तो मकान नियमितिकरण कानून के तहत वैध करने आवेदन जमा कर जुर्माना देना होगा। अगर जुर्माना राशि नहीं देंगे तो मकान को तोड़ने की कार्यवाही होगी।
2- अवैध ढंग से मकान निर्माण करवाने वालों की सूची तैयार कर कोर्ट में सूचना दी जाएगी। कोर्ट के माध्यम से भी नोटिस भेजने की कार्यवाही की जाएगी।
जिसमें विभाग व संबंधित यानी जिनको नोटिस जारी किया गया है, वह अपना पक्ष रखेंगे। जिस पर कोर्ट अंतिम निर्णय लेगी।
वाद-विवाद की स्थिति से निपटने के लिए कोर्ट की शरण में विभागीय अफसर जाएंगे।
3- नगरीय निकाय एक्ट, नगर तथा ग्राम निवेश व नगर पालिका की अधिनियम के तहत अवैध निर्माण करने वालों पर कार्यवाही का प्रावधान है।
इस अधिकार का उपयोग जरूरत करने पर किया जाएगा। दरअसल विभाग में हर जमीन के संबंध में खसरा नंबर का रिकार्ड रहता है।
इसमें यह मालूम हो जाता है कि जमीन का डायवर्सन हुआ है कि नहीं, हुआ है तो कब और किसके नाम पर, इसी आधार पर प्रस्तुत दस्तावेज की जांच की जाएगी।
अब एक हजार वर्गफीट पर 24 हजार जुर्माना लगेगा
नियमितिकरण की नई गाइडलाइन अनुसार एक हजार वर्गफीट के अवैध निर्माण को वैध करवाने के लिए लगभग 24 हजार रुपए तक जुर्माना देना पड़ेगा।
जिले के 8 नगरीय निकाय क्षेत्र बालोद, दल्लीराजहरा, डौंडी, गुंडरदेही, डौंडीलोहारा, चिखलाकसा, अर्जुन्दा, गुरूर में नए सिरे से फील्ड सर्वे किया जाएगा।
इस दौरान राजस्व विभाग, नगरीय निकाय व नगर तथा ग्राम निवेश के अफसर व कर्मचारी रिकार्ड खंगाल कर अवैध निर्माण करने वालों को चिह्नांकित करेंगे।
2016 में भी नियमितीकरण का मौका दिया था, लेकिन उस समय एक हजार वर्गफीट तक के अवैध या नियम विरुद्ध निर्माण पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया गया था।
लेकिन अब नई गाइडलाइन अनुसार ही शुल्क तय किया गया है।