पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें सरकार से पैदल हज यात्रा करने के इच्छुक 29 वर्षीय भारतीय नागरिक को वीजा देने का अनुरोध किया था।
वह व्यक्ति हज के लिए पाकिस्तान के रास्ते पैदल सऊदी अरब जाना चाहता था। केरल के रहने वाले शिहाब अपने गृह राज्य से रवाना हुए थे।
पिछले महीने शिहाब ने वाघा बॉर्डर पहुंचने तक उसने लगभग 3,000 किलोमीटर का सफर तय किया था।
लेकिन वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान के आव्रजन अधिकारियों ने उसे रोक दिया क्योंकि उसके पास वीजा नहीं था।
बुधवार को लाहौर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने शिहाब की तरफ से स्थानीय नागरिक सरवर ताज द्वारा दाखिल याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने कहा कि “याचिकाकर्ता भारतीय नागरिक से संबंधित नहीं हैं, न ही उसके पास अदालत का रुख करने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी थी।” अदालत ने “भारतीय नागरिक के बारे में पूरी जानकारी” भी मांगी, जो याचिकाकर्ता नहीं दे सका। इसके बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
शिहाब ने केरल से मक्का, सऊदी अरब तक पैदल सफर कर 2023 जून में हज करने का फैसला किया है, वो 2 जून को अपने दोस्तों और परिवारों से विदा लेकर इस सफर पर निकल पड़े थे।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिहाब के इस पैदल सफर पर 70 लाख से एक करोड़ तक का खर्च आने का अनुमान लगाया गया था।
इस सफर पर पैदल जाने के लिए शिहाब ने करीब एक साल तक पैदल चलने की ट्रेनिंग ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक शिहा केवल अपने साथ बुनियादी जरूरत का सामान लेकर पैदल चल रहे हैं।
शिहाब का जन्म वर्ष 1993 में केरल के मल्लीपुर में जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा एक निजी स्कूल से पूरी और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के लिए एक निजी संस्थान में दाखिला लिया।