छत्तीसगढ़ के जिला राजनांदगांव में मुआवजा विवाद, सवा माह में नहीं ले पाए मार्गदर्शन, 22 नवंबर को सीएम का दौरा संभावित, सीएम के सामने करेंगे प्रदर्शन…

देवादा का मुआवजा प्रकरण अब और गंभीर होता जा रहा है।

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत इन किसानों की जमीन का अधिग्रहण होने की वजह से धान को बेचने पर प्रतिबंध बरकरार है।

सवा माह बीतने के बाद भी शासन से कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है कि 16 एकड़ की धान फसल को किसान कैसे और कहां बेचेंगे।

8 अक्टूबर को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इन किसानों ने इसे बेचने की अनुमति देने की गुहार तो लगाई लेकिन मार्गदर्शन लेने के बहाने इस विषय को प्रशासन ने एक तरह से टाल दिया।

इस मामले की शिकायत अब भेंट-मुलाकात में सुरगी पहुंचने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करने की तैयारी किसानों ने की है।

शुक्रवार और शनिवार को भी कुछ किसान कलेक्टोरेट पहुंचे थे लेकिन उनकी मुलाकात कलेक्टर से नहीं हो पाई।

वहीं सुरगी में भेंट मुलाकात 22 नवंबर को संभावित होना बताया गया है। इसी दिन सुकुलदैहान में भी आयोजित होगा।

20 नवंबर को होने वाला कार्यक्रम शनिवार को स्थगित किया गया। किसानों का कहना है कि वे भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में ही शिकायत करेंगे। यदि उनकी नहीं सुनी गई तो वे धरने पर बैठेंगे। वहीं एसडीएम का कहना है कि किसानों से चर्चा के बाद ही उचित कार्यवाही की जाएगी।

देवादा चौक में करेंगे चक्काजाम
किसान श्यामलाल, राधाबाई, महेश सिन्हा, सुरेश व कमलेश चतुर्वेदी ने बताया कि आधे किसानों ने फसल काट ली है। जबकि आधे अभी नहीं काटे हैं। दो माह तक धान खरीदी चलेगी।

इस अवधि में यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो अंतिम के 15 दिनों में उनके द्वारा देवादा चौक में चक्काजाम किया जाएगा।

इसके लिए सभी किसानों से चर्चा की गई है। उन्हें दो गुना मुआवजा मिल रहा है जबकि अन्य जिलों में इसी प्रोजेक्ट के तहत चार गुना मुआवजा दिया जा रहा।

इसी का विवाद है। उन किसानों ने अब तक मुआवजा भी नहीं लिया। टेडे़सरा और देवादा में करीब 6 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना शेष है।

सरकार को किसानों से लेना देना नहीं: सिंह
इधर जिला भाजपा प्रवक्ता रविंद्र सिंह का कहना है कि शासन से जवाब तब आएगा जब सारे किसानों के धान बिक जाएंगे।

तब भी शासन से निर्देश नहीं आएंगे। यही कांग्रेस सरकार की विशेषता है। सरकार को किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। आज सवा माह बीत गए लेकिन अब तक किसानों को प्रशासनिक अफसर न तो कुछ बता रहे हैं और न ही उनको कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं।

किसानों से चर्चा कर कार्यवाही की जाएगी इस प्रकरण में एसडीएम अरुण वर्मा का कहना है कि इस संबंध में शासन से निर्देश आने के बाद ही कार्रवाई हो पाएगी।

मुआवजा प्रकरण न्यायालय में लंबित है। जबकि फसल बेचने के मामले में निर्णय शासन स्तर से आने वाले मार्गदर्शन के बाद ही हो पाएगा। किसानों से चर्चा कर उचित कार्यवाही करेंगे। किसानों को जल्द राहत मिलेगी।

सुरगी से लगे ग्राम धामनसरा के युवक खिलेंद्र साहू की मौत का मामला भी भेंट-मुलाकात में गूंजेगा। पिता लीलाधर साहू ने बीते दिनों एसपी से मुलाकात कर बताया था कि गैंदाटोला थानाक्षेत्र में उनके पुत्र खिलेंद्र का शव फांसी पर लटका मिला था।

2 अक्टूबर से वह काम में जाने के लिए निकला था। पतासाजी के बाद 4 अक्टूबर को सुरगी चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

5 अक्टूबर को मौत की खबर मिली। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई। गांव में आपसी रंजिश की बात पुलिस से की लेकिन जांच हो रही न तो किसी तरह की कार्रवाई।

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