रूस की ओर से 15 नवंबर को किए गए हमलों ने यूक्रेन को अब तक के सबसे बुरे दौरा पर लाकर खड़ा कर दिया है।
100 से अधिक मिसाइल हमले के बाद यूक्रेन के करीब आधे पावर ग्रिड काम करना बंद कर दिए हैं।
मिसाइल हमलों के बाद पॉवर ग्रिड को भारी नुकसान हुआ है। क्षतिग्रस्त पावर ग्रिड के बंद हो जाने की वजह से यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों में पॉवर सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कई शहरों में अंधेरा पसर गया था। पानी सप्लाई ठप हो गई।
यूक्रेन के खेरसॉन से वापस जाने के बाद रूसी सेना की लड़ाई करने की रणनीति में बदलाव दिखा है। रूसी की सेना जमीनी हमलों के मुकाबले में हवाई हमलों पर ज्यादा जोर दे रही है।
यही वजह है कि 15 नवंबर को रूसी सेना ने कीव समेत कई शहरों पर ताकतवर मिसाइलों से हमला बोला था।
यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिमगल ने यूरोपीय सहयोगियों से समर्थन की अपील करते हुए कहा है, 15 नवंबर को रूस ने यूक्रेनी शहरों पर करीब 100 मिसाइलें दागीं।
जिसकी वजह से हमारी लगभग आधी ऊर्जा प्रणाली ने काम करने बंद कर दिया है। हमले में क्षतिग्रस्त हुए पावर ग्रिड की मरम्मत की जरूरत है। रूसी हमलों की वजह से लाखों यूक्रेनियनों को होने वाली बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी।’
हवाई हमले में तबाह कर दिया बैराज
रूसी ने गुरुवार को हवाई हमलों के जरिए यूक्रेन को और अधिक नुकसान पहुंचाया, जिनमें एक बैराज के तबाह होने से ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, अपार्टमेंट की इमारतों और एक औद्योगिक स्थल को नुकसान पहुंचा।
अधिकारियों ने कहा कि देशभर में ड्रोन और मिसाइल हमलों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।
हवाई हमले में कई लोगों की मौत
रूस ने इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन में कई मिसाइलें दागी थीं। उसने यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था।
बताया जा रहा है कि रूसी हमलों के दौरान एक मिसाइल पोलैंड की सीमा में भी जा गिरी थी और उसकी चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, रूस ने पोलैंड में मिसाइल हमला करने के आरोपों को खारिज किया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कायर लोगों की बचकानी रणनीति बाताया
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने गुरुवार को एक टेलीग्राम पोस्ट में ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमले को ‘हारे हुए कायर लोगों की बचकानी रणनीति’ बताया।
उन्होंने लोगों से हवाई हमलों के सायरन को नजरअंदाज नहीं करने की अपील करते हुए कहा, ‘यूक्रेन पहले ही दुश्मन के बेहद कठोर हमलों का डटकर सामना कर चुका है। इन हमलों के ऐसे नतीजे नहीं निकले, जिनकी रूस के कायरों को उम्मीद थी।’