प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इंडोनेशिया के बाली में 17वें जी20 शिखर सम्मेलन के समापन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित दुनिया भर के कई नेताओं को खूब उपहार दिए।
उन्होंने भारत के इतिहास के प्रतीकों से विदेशी मेहमानों का सम्मान किया।
पीएम मोदी ने जो बाइडन को हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा लघु पेंटिंग भेंट की। पीएम ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया भर के नेताओं को उपहार देने के लिए गुजरात और हिमाचल प्रदेश की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाली कलाकृतियां और पारंपरिक वस्तुओं को चुना।
बाइडन को दी ‘श्रृंगार रस’ दर्शाती पेटिंग
अधिकारियों ने कहा कि मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कांगड़ा के लघु चित्रों (मिनियेचर पेंटिंग) भेंट की, जो ‘श्रृंगार रस’ को दर्शाती हैं।
ये पेंटिंग शरणार्थी मुगल चित्रकारों से प्रभावित थीं। ये चित्रकार जयदेव बिहारी और केशव दास की प्रेम कविता के विषयों से प्रेरित थे।
पीएम मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक को हाथ से बना गुजराती कपड़ा ‘माता नी पछेड़ी’ भेंट की, यह देवी मां के मंदिरों में भेंट का एक रूप होता है। ऋषि सुनक एक हिंदू हैं और हिंदू धर्म में खुलकर आस्था रखते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम को मिली ‘पिथौरा’ की कलाकृति
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई नेता एंथनी अल्बनीज से मुलाकात के दौरान उन्हें गुजरात के छोटा नागपुर इलाके के राठवा कलाकारों द्वारा बनाई जाने वाली परंपरागत जनजातीय लोक चित्रकला ‘पिथौरा’ तोहफे के तौर पर दी।
यह कला ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी समुदायों की एबोरिजिनल डॉट पेंटिंग के समान है। प्रधानमंत्री ने इटली की नई प्रधानमंत्री को भी खास गिफ्ट दिया।
हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली इटली की पीएम को मोदी ने एक खास दुपट्टा गिफ्ट किया।
जॉर्जिया मेलोनी को ‘पाटन पटोला’ दुपट्टा भेंट किया
अधिकारियों के मताबिक प्रधानमंत्री ने इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी को ‘पाटन पटोला’ दुपट्टा भेंट किया। इटली की पीएम को गिफ्ट किया गया दुपट्टा उत्तरी गुजरात के साल्वी परिवार द्वारा हाथ से बुना हुआ है।
दुपट्टे को ‘डबल इकत’ नामक तकनीक से बनाया गया था जो इसे बहुरंगी रूप दिया गया। ‘डबल इकत’ तकनीक का उपयोग करने वाले कपड़े परंपरागत रूप से केवल भारत के अलावा दो देशों – जापान और इंडोनेशिया में बनाए जाते हैं।
फ्रांस, जर्मनी और सिंगापुर के नेताओं को दिया गुजराती कटोरा
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस, जर्मनी और सिंगापुर के नेताओं को उपहार में ‘एगेट’ (गोमेद) के प्याले (कटोरा) दिए जो गुजरात के कच्छ क्षेत्र से जुड़े पारंपरिक शिल्प का काम है।
प्रधानमंत्री ने दुनिया के नेताओं को उपहार देने की प्रथा का उपयोग भारत के समृद्ध और प्राचीन कलाकृति व शिल्प को देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी वस्तुओं के साथ प्रस्तुत करने के लिए किया है।
इस बार उन्होंने तोहफों के तौर पर देने के लिये हिमाचल प्रदेश और गुजरात के परंपरागत काम को चुना। हिमाचल में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव हुए हैं तो वहीं गुजरात में दो चरणों में एक दिसंबर व पांच दिसंबर को विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि मोदी ने मेजबान देश इंडोनेशिया के नेता को सूरत के कलाकारों द्वारा बनाया गया चांदी का कटोरा और किन्नौर के कारीगरों द्वारा बनाई गई शॉल भेंट की।