पिछले एक दशक में उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को चुनने वाले भारतीय छात्रों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है।
सोमवार को जारी ओपन डोर्स 2022 की रिपोर्ट के अनुसार कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में देश की हिस्सेदारी 11.8 प्रतिशत से बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई है।
चीन की तुलना में यह संख्या अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो 31 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सबसे बड़े समूह के लिए जिम्मेदार है।
लेकिन धीमी दशकीय विकास दर के साथ, क्योंकि 2012-13 में इसकी हिस्सेदारी पहले से ही 29 प्रतिशत थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की वृद्धि दर 2022-23 में भी चीन से आगे निकलने की संभावना है।
इस साल जून और अगस्त के बीच 82,000 वीजा जारी किए गए हैं। यह सभी देशों में सबसे अधिक संख्या है।
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में कांसुलर मामलों के मंत्री काउंसलर डॉन हेफ्लिन ने कहा कि 2021-22 में इसी अवधि में 62,000 छात्र वीजा जारी किए गए थे।
वहीं कुल मिलाकर, अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या 2020-21 में 9.14 लाख से बढ़कर 2021-22 में 9.48 लाख हो गई।
हेफ्लिन ने बताया कि भारतीय छात्रों का मास्टर कार्यक्रमों के लिए बल्क में रजिस्ट्रेशन हुआ है। वह कहते हैं वृद्धि केवल भारतीयों तक सीमित नहीं है।
आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका उच्च शिक्षा विकल्पों की तलाश करने वाले छात्रों के लिए शीर्ष स्थान बना हुआ है और यह भी दर्शाता है कि देश भविष्य के अवसरों की पेशकश करना जारी रखे हुए है।
साल 2021-22 में, चीन और भारत ने संयुक्त रूप से संयुक्त राज्य में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों का 52 प्रतिशत हिस्सा साझा किया।
संख्या की बात करें तो भारत का 1,99,182 है। वहीं साल 2020-21 में यह संख्या 1,67,582 था।
संख्या यह बता रहे हैं कि इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वहीं साल 2012-13 में, अमेरिका में उच्च शिक्षा में 96,654 भारतीय छात्र थे।