श्रद्धा वाकर की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
उसके लिव-इन-पार्टनर आफताब ने उसकी हत्या कर शव के 35 टुकड़े किए थे। ठीक 10 साल पहले इससे भी खतरनाक मर्डर देहरादून में सामने आया था।
जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने इलेक्ट्रिक आरी का इस्तेमाल कर शव के 70 टुकड़े कर दिए थे।
TIO के अनुसार सितंबर 2017 में स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद गुलाटी वर्तमान में देहरादून जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
कोर्ट ने इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और साथ ही अदालत में 15 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया था। इस मामले में वाकर-पूनावाला मामले से काफी समानताएं थीं।
वह 17 अक्टूबर 2010 की खौफनाक रात थी। जब बहस के बाद 37 वर्षीय गुलाटी ने अनुपमा को देहरादून छावनी के प्रकाश नगर में उनके दो कमरे के किराए के घर में मार डाला। साल 1999 में शादी करने के बाद यह जोड़ा अमेरिका चला गया था।
लेकिन 2008 में देहरादून लौटने के तुरंत बाद, उनके रिश्ते में तनाव आने लगा था। वे अक्सर लड़ते थे, अनुपमा ने अपने पति पर कोलकाता की एक महिला के साथ विवाहेतर संबंध रखने का आरोप लगाया था।
उस दिन दंपति एक और बहस में पड़ गए और गुलाटी ने अपनी पत्नी को थप्पड़ मारा, जिसके बाद उसने अपना सिर दीवार पर मारा और बेहोश हो गई।
इस डर से कि वह जाग जाएगी और पुलिस में शिकायत दर्ज करा देगी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने उसका गला घोंटने के लिए तकिए का इस्तेमाल करने से पहले उसकी नाक और मुंह को रुई से भर दिया।
इसके बाद उसने शव के 70 टुकड़े कर दिए और अपने अपराध को छुपाने के लिए वह शहर के बाहरी इलाकों में एक-एक कर शव को टुकड़े को पॉलीथिन की थैलियों में रखकर फेंकता रहा।
उसने लगभग लगभग दो महीने तक सामान्य स्थिति होने का ढोंग किया। यहां तक कि अपने बच्चों, चार साल के जुड़वां बच्चों को भी बताया कि उनकी मां दिल्ली चली गई।
एक दिन अनुपमा का भाई सुजान कुमार प्रधान घर आ गया। प्रधान को तब शक हुआ जब गुलाटी उसे अपनी बहन के ठिकाने के बारे में नहीं बता सका और उसे घर में घुसने से भी मना कर दिया।
इसके बाद प्रधान ने छावनी थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बाद में गुलाटी के घर पर छापा मारा और डीप फ्रीजर से अनुपमा के सिर सहित शरीर के कटे हुए हिस्से बरामद किए।