प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन और इससे इतर वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को बाली पहुंचे।
यहां उन्होंने आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात की, इस दौरान दोनों नेता काफी देर तक एक-दूसरे से चर्चा करते हुए नजर आ रहे हैं।
वहीं, इससे ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी के अपने सिपहसलारों के साथ मंथन करते हुए भी देखा गया।
वह विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल और जी-20 शेरपा अमिताभ कांत के साथ किसी विषय पर मंथन करते नजर आए।
आपको बता दें कि दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू हो गया। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता शामिल होंगे।
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया पहुंच गए हैं। शिखर सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों से निपटने को लेकर व्यापक चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री दुनिया के विभिन्न देशों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे।”
पीएम मोदी का बाली हवाईअड्डे पहुंचने पर पारंपरिक शैली में गर्मजोशी और रंगारंग तरीके से स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह बाली में जी20 समूह के नेताओं के साथ वैश्विक आर्थिक वृद्धि में नयी जान फूंकने, खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी चुनौतियों और स्वास्थ्य तथा डिजिटल परिवर्तन से जुड़े मुद्दों के समाधान पर व्यापक चर्चा करेंगे।
जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा कि वह वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान करने में भारत की उपलब्धियों और इसकी ”मजबूत प्रतिबद्धता” को भी रेखांकित करेंगे।
मोदी ने बाली रवाना होने से पहले कहा, ” बाली शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं वैश्विक आर्थिक वृद्धि, खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य तथा डिजिटल परिवर्तन जैसे वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों पर जी20 देशों के नेताओं के साथ व्यापक चर्चा करूंगा।”
शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल होने वाले हैं। मोदी ने कहा कि वह जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर इसमें भाग लेने वाले कई अन्य देशों के नेताओं से मिलेंगे और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे।