राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने 18 को तलब किए 4 राज्यों के प्रमुख सचिव, कहा- मजबूरी में पराली जला रहे किसान, सरकार फेल…

प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली और तीन पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों का जवाब सुनने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शनिवार को कहा कि किसान ‘मजबूरी’ में पराली जला रहे हैं।

चारों राज्य सरकारों की ‘विफलता’ के कारण पराली जलाई जा रही है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने से चिंतित आयोग ने हाल में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को इस विषय पर चर्चा करने के लिए 10 नवंबर को उसके सामने हाजिर होने को कहा था।

आयोग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि संबंधित राज्यों एवं दिल्ली सरकार के जवाब पर गौर करने एवं विचार-विमर्श करने के बाद उनकी राय है कि ‘किसान मजबूरी में पराली जला रहे हैं।’

उसने कहा, ‘राज्य सरकारों को पराली से मुक्ति पाने के लिए कटाई मशीन प्रदान करनी थी, लेकिन वे पर्याप्त संख्या में मशीन उपलब्ध नहीं करवा पाई और अन्य उपाय नहीं कर सकीं। इसके फलस्वरूप किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हैं और प्रदूषण फैल रहा है।’

कोई राज्य किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता
आयोग ने कहा, ‘इसलिए कोई भी राज्य किसानों को पराली जलाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, बल्कि इन चारों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में पराली जलाई जा रही है और हवा में इतना प्रदूषण फैल रहा है।’

18 नवंबर को किया गया तलब
आयोग ने संबंधित मुख्य सचिवों को इस मामले पर अगली सुनवाई के दिन 18 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से या डिजिटल तरीके से पेश होने, उसके द्वारा उठाये गये बिंदुओं पर ‘चार दिनों के अंदर ही’ अपना जवाब या हलफनामा दाखिल करने को कहा है, ताकि उन पर चर्चा की जा सके।

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