असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने पार्टी अध्यक्ष के हालिया चुनावों को लेकर शनिवार को कांग्रेस पर तंज कसा।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शशि थरूर को वोट देने वाले जल्द ही भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
सीएम ने कहा कि कांग्रेस के तथाकथित आंतरिक चुनावों के नतीजे वोटों की गिनती से पहले ही ज्ञात और घोषित कर दिए गए थे।
कांग्रेस में एकमात्र लोकतांत्रिक लोग 1,000 प्रतिनिधि थे, जिन्होंने साहस दिखाकर शशि थरूर को वोट दिया था। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।
सीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में इसके नियम बनना तय हैं।
यहां ‘हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में उन्होंने कहा कि एक हिंदू का यह वैध अधिकार है कि वह अपनी मातृभूमि का नागरिक बने और भाजपा पूरी तरह सीएए के पक्ष में है।
सीएए के नियम अभी तक क्यों नहीं बनाए गए? इस सवाल पर शर्मा ने कहा कि कुछ लोग थे जो सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसके बाद कोरोना वायरस महामारी आ गई। शर्मा ने कहा, ‘‘इसकी प्रक्रिया जारी है, लेकिन भाजपा इसे लेकर अभी भी प्रतिबद्ध है। संसद ने विधेयक को पारित कर दिया है और आने वाले समय में आप सीएए के नियम देखेंगे।”
मुख्यमंत्री ने उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि भाजपा इसका इस्तेमाल चुनावी हथकंडे के रूप में कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सीएए हमारी प्रतिबद्धता में शामिल है, यह हमारी विचारधारा का अंग है। हम इसे लागू करेंगे। कुछ लोग सवाल करते थे कि राम मंदिर कहां है, कब बनेगा, लेकिन अब आप राम मंदिर देखेंगे। कुछ लोग सवाल करते थे कि अनुच्छेद 370 कब हटेगा, यह हट चुका है। इसी तरह आप समान नागरिक संहिता और सीएए को लागू होते देखेंगे।”
सीएए के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। सीएए को 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित किया गया था। शर्मा ने मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी अध्यक्ष बनाने पर अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस की आलोचना की। शर्मा ने कहा कि यदि शशि थरूर चुनाव जीते होते तो वे कहते कि कांग्रेस में लोकतंत्र की वापसी हो गई है।