छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में बिजली कंपनी द्वारा आम लोगों का काट रहे बिजली कनेक्शन और सरकारी बकाएदारों को सिर्फ नोटिस…

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में बिजली कंपनी इन दिनों वसूली अभियान चला रही है।

इसमें अब तक 40 उपभोक्ताओं के कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। लेकिन कंपनी की यह सख्ती केवल आम उपभोक्ताओं के लिए दिख रही है।

जबकि करोड़ों रुपए के बकाएदार सरकारी विभाग को सिर्फ नोटिस देकर औपचारिकता पूरी कर दी गई है।

बिजली कंपनी के मुताबिक राजनांदगांव सहित तीनों जिलों में सरकारी कार्यालयों, भवनों के 72 करोड़ रुपए से अधिक का बिल बकाया है।

इसके लिए बीते दिनों सभी विभाग प्रमुखों को नोटिस जारी किया गया। जिन्हें समय पर भुगतान करने की अपील की गई है। लेकिन इसके विपरीत आम उपभोक्ताओं पर कंपनी ने सख्त रवैया अपना रखा है।

राजनांदगांव डिविजन क्षेत्र में ही बीते दिनों 40 उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काट दिए गए। इन उपभोक्ताओं के 5 लाख 53 हजार रुपए का बिल बकाया था।

वहीं शेष उपभोक्ताओं को भी जल्द बकाया जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है।

कंपनी के डीई आलोक दुबे ने बताया कि राजनांदगांव डिविजन में 9 हजार से ऐसे कंज्यूमर हैं, जो लंबे समय से बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इनका 6 करोड़ 93 लाख 74 हजार रुपए का बिल बकाया है।

72.27 करोड़ बकाया वसूलना है
राजनांदगांव सहित केसीजी और एमएमसी जिले में बिजली कंपनी का 72 करोड़ 27 लाख रुपए बकाया है।

यह बकाया तीनों जिले के शासकीय कार्यालयों का है। विभाग प्रमुखों को नोटिस जारी कर भुगतान के लिए अवगत कराया जा रहा है।

तीनों जिले के नगरीय निकायों के 787 कनेक्शनों पर 12 करोड़ 45 लाख, पुलिस विभाग के 121 कनेक्शन पर 3 करोड़ 63 लाख 22 हजार, जेल विभाग का 1 लाख 67 हजार, परिवहन विभाग के 2 कनेक्शन पर 1 लाख 10 हजार, ग्राम पंचायतों में जल प्रदाय, सड़कबत्ती व भवनों के 3375 कनेक्शनों पर 51 करोड़ 70 लाख बकाया है।

शिकायत सुनने वाला कोई नहीं
मनमाना बिल देखकर लोग बिजली कंपनी के कार्यालय पहुंच रहे हैं। लेकिन अव्यवस्था की स्थिति ऐसी है कि उपभोक्ताओं की शिकायत सुनने भी कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है।

उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें अपनी शिकायत के समाधान के लिए इस टेबल से उस टेबल पर जाने की बात कह दी जा रही है।

उनकी शंका का समाधान भी प्रॉपर नहीं किया जा रहा है। इससे आम उपभोक्ताओं में कंपनी के खिलाफ आक्रोश है। लोग कंपनी का चक्कर काटकर परेशान हो गए हैं। वहीं कर्मचारियों के व्यवहार से भी लोगों में नाराजगी है।

आठ गुना ज्यादा बिल से उपभोक्ता परेशान
इधर कंपनी की सुरक्षा निधि ने भी आम उपभोक्ताओं को परेशान कर दिया है। सुरक्षा निधि के नाम पर सामान्य उपभोक्ताओं को भी मनमाना बिल भेजा जा रहा है।

जिन उपभोक्ताओं का औसत बिल 500 से 600 के बीच रहता है। उन्हें सुरक्षा निधि जोड़कर 4 हजार रुपए तक का बिल भेजा गया है।

ऐसे लोग अब कंपनी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। छोटे-छोटे उपभोक्ताओं को सुरक्षा निधि अनिवार्य बताकर मोटा बिल थमाया गया है। इससे लोग परेशान हैं।

अक्टूबर में रिवाइज करते हैं सुरक्षा निधि
बिजली कंपनी के अफसरों ने बताया कि सुरक्षा निधि हर साल अक्टूबर में रिवाइज किया जाता है। उपभोक्ता का औसत वार्षिक बिल निकालकर सुरक्षा निधि में रखे पैसे से उसकी तुलना की जाती है।

सुरक्षा निधि में पैसा कम होने पर अतिरिक्त सुरक्षा निधि के रुप में एडवांस पैसा लिया जाता है। उपभोक्ता का औसत बिल सुरक्षा निधि से कम होता है। इसी के तहत सुरक्षा निधि जोड़कर बिल भेजा जा रहा है। हर साल की प्रक्रिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap