गैर-भाजपा शासित दो दक्षिणी राज्यों ने बुधवार को राज्यपालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
केरल ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की जगह शिक्षाविदों को नियुक्त करने के लिए अध्यादेश का मार्ग प्रस्तावित किया जबकि तमिलनाडु ने आरएन रवि को वापस बुलाने की मांग की। वहीं, तेलंगाना में राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने संदेह जताया कि उनका फोन टैप किया जा रहा है।
केरल में एलडीएफ नीत राज्य सरकार का ताजा कदम विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति समेत कामकाज के विषय पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ चल रहे गतिरोध के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा है कि मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि खान से अध्यादेश को मंजूरी देने की सिफारिश की जाएगी, जो विश्वविद्यालय कानूनों में कुलापधिपति की नियुक्ति से संबंधित धारा को हटा देगा। इस धारा में कहा गया है कि राज्यपाल राज्य के 14 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होंगे।
उसने कहा कि बैठक में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मदन मोहन पुंछी की अध्यक्षता वाले पुंछी आयोग की सिफारिशों पर भी विचार किया गया कि राज्यपाल को विश्वविद्यालयों का प्रमुख नियुक्त करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि संविधान के तहत उनके अन्य दायित्व भी हैं।
राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा कि सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए यह फैसला किया है। वहीं, कानून मंत्री ने कहा कि हम राज्यपाल के किसी भी अधिकार में कटौती नहीं कर रहे हैं।
शांति के लिए खतरा बताया
तमिलनाडु में द्रमुक ने कहा कि उसकी अगुवाई वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (एसपीए) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन भेज राज्यपाल आरएन रवि को बर्खास्त करने का अनुरोध किया है।
राष्ट्रपति कार्यालय को दो नवंबर, 2022 को भेजे ज्ञापन में सत्तारूढ़ गठबंधन ने राज्यपाल से संबंधित कई मुद्दों को उठाया है।
तेलंगाना राज्यपाल को फोन टैप की आशंका
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि मुझे संदेह है कि मेरा फोन टैप किया जा रहा है। इस मुद्दे पर उन्होंने तुषार का जिक्र किया, जो उनके एडीसी थे। उन्होंने कहा कि तुषार मुझे दो दिन दीपावली की शुभकामनाएं देने के लिए पहले फोन कर रहे थे।
प्रोटोकॉल पर विवाद
तेलंगाना की केसीआर सरकार और राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के बीच भी तकरार देखने को मिली।
हैदराबाद में राजभवन और राज्य सरकार के असहज रिश्ते की वजह से ही हाल में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पर उचित प्रोटोकॉल नहीं देने और उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया।
तमिलनाडु: सत्तारूढ़ द्रमुक के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (एसपीए) ने राज्यपाल रवि को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति भवन का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया गया कि उन्होंने सांप्रदायिक घृणा को भड़काया है। गठबंधन के संसद सदस्यों ने पत्र पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति को अर्जी भेजी है।
झारखंड: पिछले कुछ माह से राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच शह-मात के दांव चले जा रहे। हेमंत की विधानसभा सदस्यता से अयोग्यता का आयोग का प्रस्ताव राज्यपाल के पास विचाराधीन है, यह भी वजह है।