दुनियाभर में चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते कुख्यात है।
भारत में लद्दाख में जहां पिछले ढाई सालों से चालाकी दिखा रहा है तो ताइवान पर भी अपना हक जमाता रहा है, इसके चलते अमेरिका और चीन का कई बार आमना-सामना भी हो चुका है।
वहीं, अब जब पिछले नौ महीने से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है और पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है तो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुले तौर पर युद्ध के लिए हुंकार भर दी है।
दुनियाभर में चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते कुख्यात है। भारत में लद्दाख में जहां पिछले ढाई सालों से चालाकी दिखा रहा है तो ताइवान पर भी अपना हक जमाता रहा है।
इसके चलते अमेरिका और चीन का कई बार आमना-सामना भी हो चुका है।
वहीं, अब जब पिछले नौ महीने से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है और पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है तो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुले तौर पर युद्ध के लिए हुंकार भर दी है।
ब्रिटिश मंत्री के ताइवान दौरे पर चीन ने जताई आपत्ति
वहीं, चीन ने ब्रिटिश मंत्री के ताइवान दौरे पर कड़ी आपत्ति जताई है।
प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले किसी भी देश द्वारा ताइवान क्षेत्र के साथ किसी भी प्रकार के आधिकारिक आदान-प्रदान को चीन दृढ़ता से खारिज करता है।”
झाओ ने आगे कहा कि ‘बीजिंग ने ब्रिटेन से ताइवान के साथ किसी भी तरह के आधिकारिक आदान-प्रदान को रोकने और ताइवान अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजने से रोकने का आग्रह किया।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच आई ये धमकी
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की धमकी उस समय आई है, जब दुनियाभर के देश रूस और यूक्रेन के बीच नौ महीने से चल रहे युद्ध में बंटी हुई है।
रूस दिन पर दिन यूक्रेन पर हमले तेज करते जा रहा है। पिछले दिनों रूसी सेना की ओर से यूक्रेन की राजधानी कीव पर किए गए हमले से शहर के करीब पांच लाख घरों में अंधेरा छा गया था।
रूसी सेना की ताबड़तोड़ स्ट्राइक की वजह से इन घरों में बिजली सप्लाई ठप हो गई थी। इस युद्ध में यूक्रेन को काफी नुकसान हो चुका है।
ऐसे में माना जा रहा है कि चीन के इस ऐलान के बाद दुनियाभर में तनाव और बढ़ सकता है।