छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के जरूरत मंद व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए लगातार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें लाभांवित कर उनके आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में प्रयासरत है।
प्रदेश सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना पौनी-पसारी व्यवसाय से जुड़े
लोगों, भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक मदद देने एवं उनकी उन्नति के लिए संचालित किया जा रहा है। जिससे की पात्र हितग्राहियों को आर्थिक रूप से मदद मिल सके।
योजना के तहत् भूमिहीन कृषि मजदूर व्यक्ति जिनके पास कोई कृषि भूमि न हो साथ ही जिनके जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है ऐसे परिवार को 7 हजार रूपए वार्षिक रूप से प्रदान किया जा रहा है।
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ाई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे परंपरागत व्यवसाय एवं वनोपज संग्राहक परिवार को लाभ दिया जा रहा है।
साथ ही पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिया वर्ग के पात्र लोगों को भी योजना से लाभांवित किया जा रहा है।
जिले के मनोरा पंचायत निवासी श्री अभिमन्यु सन्यासी ने बताया कि उन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत 2 हजार रूपए प्राप्त हुए है साथ ही पूर्व में भी उन्हें योजना के तहत सहायता राशि प्राप्त हुई थी।
हितग्राही हेमंतराम ने बताया कि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारो के लिए सहारा बनी है। इससे उन्हें अतिरिक्त आय की प्राप्ति होती है।
उन्होनें बताया कि उनके पास कोई कृषि भूमि नहीं है। उनका परिवार की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर है वे मेहनत मजदूरी करने अपने परिवार का जीवन यापन करते है।
अभिमन्यु कहते है कि परिवार के मुखिया होने के कारण अपने परिवार के भरण पोषण करना एवं उनकी जरूरतों का ख्याल रखना उनकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने बताया कि मजदूरी से जो आमदनी होती है उससे परिवार का सिर्फ गुजारा हो पाता है परंतु उनकी जरूरते पूरी करने में उन्हें परेषानी होती है।
उन्होंने बताया कि भूमिहीन मजदूर परिवारों के लिए प्रदेश सरकार ने बहुत ही सराहनीय योजना प्रारंभ की है।ऐसे परिवार जिनका मजदूरी के अलावा कोई अतिरिक्त आय का जरिया नहीं है।
आज उन्हें भी इस योजना से आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है। हितग्राही अभिमन्यु ने प्रदेष सरकार को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना प्रारंभ करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना से उनके परिवार को आर्थिक संबल मिल रहा है।