कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को हिरासत में लिए जाने के बाद भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया है। पिछले कुछ दिनों में, सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी यूजर्स ने दावा किया है कि ये लोग जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
हालांकि मामले से वाकिफ लोगों ने इन दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट रूप से अफवाह फैलाने का प्रयास प्रतीत होता है। इनमें से कुछ सोशल मीडिया पोस्ट ने यहां तक दावा किया कि भारतीयों को पाकिस्तान की तरफ से एक गुप्त सूचना के बाद पकड़ा गया था। इसलिए कोई भी स्पष्ट रूप से अनुमान लगा सकता है कि शरारत के पीछे कौन है।”
बता दें कि कतर के अधिकारियों ने फिलहाल भारत को इस बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी है कि नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को किस आरोप में पकड़ा है।
वे पिछले 70 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं। भारतीय अधिकारियों को अब तक हिरासत में लिए गए लोगों का दो मौकों पर कांसुलर एक्सेस दिया गया है – एक बार अक्टूबर की शुरुआत में और फिर एक बार इस महीने में।
कप्तान या कमांडर के पद से सेवानिवृत्त हुए पूर्व नौसेना अधिकारी फिलहाल अपने परिवारों से बात करने में सक्षम हैं। लेकिन कतर में नजरबंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की कुशलक्षेम अभी भी रहस्य में डूबी हुई है। उधर, खाड़ी देश में भारतीय मिशन इस मामले में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है।
यह पता चला है कि भारतीय नागरिकों को हिरासत में लेने का आधार अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है या आधिकारिक तौर पर भारत को अवगत नहीं कराया गया है।
ये लोग करीब 70 दिनों से हिरासत में हैं। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि दोहा में भारतीय दूतावास कतर के अधिकारियों के संपर्क में है ताकि भारतीयों को एक और कांसुलर पहुंच मिल सके।
दोहा में या नई दिल्ली में दूतावासों द्वारा मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
तीन नवंबर को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वहां का भारतीय दूतावास हिरासत में लिए गए नागरिकों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
नौसेना के पूर्व अधिकारियों की हिरासत के बारे में खबरों को लेकर पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम आठ भारतीय नागरिकों की हिरासत से अवगत हैं, जिनके बारे में हमें जानकारी मिली है कि कतर में एक निजी कंपनी के लिए काम कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा कि कतर में भारतीय दूतावास वहां के अधिकारियों के संपर्क में है और दूतावास के अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों तक राजनयिक पहुंच हासिल की है।