रायपुर स्टेशन से गुजरने वाली 44 ट्रेनें कैंसिल किए जाने से तीन-तीन माह पहले सीटें बुक करवाने वाले 1 लाख 92 हजार यात्री फंस गए हैं।
यात्री अब उन ट्रेनों में रिजर्वेशन करवाने की जद्दोजहद में जुटे हैं जो उस रुट पर चल रही हैं, जहां उन्हें जाना है।
हालांकि उनमें सीटें पहले ही फुल हैं। ऐसी दशा में कंफर्म बर्थ मिलना मुश्किल हो रहा है। दूसरी ओर ऐसे यात्री जिनके रुट की सभी ट्रेनें कैंसिल हो गईं हैं, उनके सामने विकल्प ही नहीं बचा है।
अब ये यात्री नागपुर और बिलासपुर जैसे शहरों से वैकल्पिक ट्रेन की तलाश कर रहे हैं।
कैंसिल ट्रेनों की पड़ताल के दौरान पता चला कि अंबिकापुर-हनिजामुद्दीन, दुर्ग जम्मूतवी और दुर्ग उदमपुर जाने के लिए एक भी ट्रेन नहीं है।
इन ट्रेनों में सीटें बुक करवाने वाले यात्रियों के पास विकल्प ही नहीं बचा है। रेलवे के अधिकृत टिकट एजेंटों के अनुसार इन ट्रेनों के यात्री प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें नागपुर से भी कोई ट्रेन मिल जाए।
इधर, दिल्ली, मुंबई, भोपाल, राजस्थान जाने वाली ट्रेनों में पहले से ही वेटिंग चल रही है। यात्रा के एक दो दिन पहले सीटें बुक करवाने पर कंफर्म बर्थ नहीं मिल रहा है। यानी ऐसे रुट जिनमें ट्रेनों का विकल्प है, उसमें भी यात्रियों को बर्थ नहीं मिल रही है।
ट्रेनाें के कितने यात्री प्रभावित होंगे ऐसे समझिए- दुर्ग-निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस रायपुर होकर जाती है। ये ट्रेन दोनों तरफ यानी दुर्ग जाने और ह निजामुद्दीन स्टेशन से आने वाली ट्रेन को चार-चार दिन के लिए रद्द किया गया है।
ऐसे में एक फेरे में इस ट्रेन में 1800 यात्री सफर करते हैं। यानी दोनों तरफ रोज 3600 यात्रियों का सफर प्रभावित होगा। इस तरह पांच दिनों तक दोनों ओर की ट्रेनों का 10 फेरा रद्द किया गया है। इससे कुल 36 हजार यात्रियाें पर प्रभाव पड़ा है।
33 ट्रेनों के 84 फेरे रद्द
33 ट्रेनों के 84 फेरे रद्द किए गए हैं। 22 कोच की एक्सप्रेस और मेल ट्रेन के एक फेरे में 1800 यात्री सफर करते हैं। इस लिहाज से एक लाख 51 हजार 200 यात्री प्रभावित हुए हैं।
11 मेमू और पैसेंजर ट्रेनों के कुल 34 फेरे रद्द किए गए हैं। रेलवे के मुताबिक एक पैसेंजर ट्रेन में 1200 से यात्री सफर करते हैं। ऐसे में मेमू और पैसेंजर के कुल 40 हजार 800 यात्री प्रभावित हो रहे हैं।