जमीनों और मकानों की खरीदी-बिक्री हो या बंटवारा। अथवा दान या विरासत में मिली प्रापर्टी हो।
उसका नामांतरण कराने के लिए निगम के चक्कर बंद होंगे। नगर निगम संपत्ति के नामांतरण की प्रक्रिया को ऑनलाइन सिस्टम से सरल करने जा रहा है।
आने वाले हफ्ते से ही नया सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। नामांतरण का आवेदन सहित सारी प्रक्रिया जिसके लिए अभी निगम के कई चक्कर काटने पड़ते हैं, सबकुछ ऑनलाइन होगा। घर बैठे ही संपत्ति में नया नाम चढ़ जाएगा।
निगम जो सिस्टम लांच करने जा रहा है। उसमें आवेदन ही नहीं सभी तरह के शुल्क भी घर बैठे ही जमा किए जा सकेंगे।
इस तरह फीस जमा करने के लिए भी निगम के दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा। अभी नामांतरण के लिए दो-दो महीने से ज्यादा समय लग जाता है।
ऑनलाइन प्रक्रिया में इसे 15 दिन के भीतर करने के प्रयास किए जाएंगे।
किसी भी प्रापर्टी की खरीदी या बिक्री के बाद नामांतरण इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि इसके बिना निगम के रिकार्ड में पुराने मालिक का ही नाम चढ़ा रहता है। प्रापर्टी टैक्स से लेकर नल कनेक्शन तक के रिकार्ड में पुराने मालिक का ही उल्लेख रहता है।
नामांतरण के बाद प्रापर्टी खरीदने या विरासत में पाने वाले का नाम सभी जगह दर्ज होता है।
…इसलिए लगाने पड़ते हैं चक्कर
संपत्तियों का नामांतरण कराने के लिए ऑफलाइन सिस्टम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पहले तो इसकी प्रक्रिया के संबंध में लोगों को जानकारी ही नहीं होती। वे जोन दफ्तर में जानकारी जुटाते हैं।
उसके बाद दस्तावेज इकट्ठा करते हैं, फिर आवेदन जमा किए जाते हैं। जोन दफ्तर जाकर शुल्क जमा करना होता है और उसके बाद नाम चढ़ता है।
इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ से दो महीने और कभी-कभी इससे ज्यादा वक्त लग जाता है। ऑनलाइन होने से लोगों का समय बचेगा।
पूरी जानकारी उन्हें नगर निगम की वेबसाइट या फिर मोर रायपुर एप से मिल जाएगी। नाम चढ़ने के बाद उसकी जानकारी भी लोगों को घर बैठे मिल जाएगी। इसके लिए भी लोगों को निगम दफ्तर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
बार कोड से प्रापर्टी टैक्स जमा होंगे- संपत्तिकर जमा करने के लिए निगम का ऑनलाइन सिस्टम है। इस सिस्टम की सबसे बड़ी खामी यह है कि यदि प्रापर्टी आईडी नहीं है तो टैक्स जमा ही नहीं कर सकेंगे। आईडी हासिल करने में ही लोगों को मशक्कत करनी पड़ रही है।
अभी घरों में डिजिटल नंबर प्लेट लगायी जा रही है। इसमें क्यूआर कोड भी दिया जाएगा। इस कोड को स्कैन करके टैक्स जमा कर दिया जाएगा।
उसके बाद लोगों को कोई भी डाटा या जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निगम अफसरों के अनुसार मोर रायपुर एप को अपडेट भी किया जा रहा है। कुछ पुरानी सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जा रहा है।
नामांतरण, नल कनेक्शन सहित तीन-चार चीजों को मिलाकर जल्द ही एक पैकेज लांच करेंगे। लोगों को इन सुविधाओं के लिए अब जोन दफ्तरों में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मोर रायपुर एप और निगम की वेबसाइट में सारी सुविधाएं मिलेंगी। –मयंक चतुर्वेदी, कमिश्नर रायपुर निगम
नल कनेक्शन भी जल्दी मिलेंगे क्योंकि…
नामांतरण के बाद दूसरी महत्वपूर्ण सुविधा नल कनेक्शन के लिए ऑनलाइन सिस्टम है। आवेदन से लेकर दस्तावेज जमा करने, शुल्क पटाने इत्यादि की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी।
निगम अफसरों के अनुसार अभी लोगों को जोन दफ्तर में जल विभाग में जाकर नल कनेक्शन की जानकारी लेनी होती है। निगम के अफसर घर आकर साइट का निरीक्षण करते हैं।
फिर नल ठेकेदार घर आकर पाइपलाइन से घर की दूरी, खुदाई के लिए मेजरमेंट इत्यादि कर फाइल तैयार करते हैं। वह फाइल निगम में जमा की जाती है।
फाइल के आधार पर रोड कटिंग चार्ज तथा कनेक्शन शुल्क तय किया जाता है। उसके बाद जोन में जाकर शुल्क जमा करना होता है और उसके बाद निगम का ठेकेदार काम शुरू करता है। इस प्रक्रिया में भी काफी समय लगता है।