दिवाली और छठ पर प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने शुक्रवार को मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) से प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत को बढ़ाने का अधिकार वापस ले लिया।
इंडियन रेलवे ने 2015 में डीआरएम को इस उद्देश्य के साथ यह ताकत दी थी कि वे प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमतें बढ़ाने पर निर्णय लें कि केवल आवश्यक यात्री ही स्टेशन पर पहुंचें और त्योहारों के दौरान भीड़भाड़ न हो।
रेलवे के नए फैसले से अब त्योहारों पर डीआरएम प्लेटफॉर्म के टिकटों के रेट्स नहीं बढ़ा सकेंगे, जिससे लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
मंत्रालय ने शुक्रवार को सर्कुलर जारी करते हुए कहा, ”’..रेलवे मंत्रालय ने मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को विशिष्ट आवश्यकताओं जैसे मेला, रैली आदि के दौरान प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्लेटफॉर्म टिकट की दर तय करने के लिए शक्तियां सौंपी थीं।
इसकी समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि प्लेटफॉर्म टिकट की दर तय करने के लिए डीआरएम को दी गई शक्ति को तत्काल प्रभाव से वापस लिया गया माना जाएगा।”
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, “तत्कालीन डीआरएम को पावर देने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि संबंधित डीआरएम स्थानीय त्योहारों की तरह जब भी जरूरत हो, कॉल ले सकें।”
यह फैसला उत्तर रेलवे (एनआर) द्वारा 14 रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतों को 50 रुपये से 10 रुपये तक बहाल करने के एक दिन लिया गया है।
भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर, दक्षिण और पश्चिम रेलवे के अलावा कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में भी वृद्धि की गई थी।
पश्चिम रेलवे ने अक्टूबर के अंत तक मुंबई सेंट्रल, दादर, बोरीवली, बांद्रा टर्मिनस, वापी, वलसाड, उधना और सूरत में प्लेटफॉर्म टिकट की दर 50 रुपये तक बढ़ा दी थी। दक्षिण रेलवे ने भी प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतों में रुपये से बढ़ोतरी की थी।